ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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साइबर इतिहास की अब तक की सबसे डरावनी घटना सामने आई है। दरअसल, एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, 16 अरब से अधिक लोगों के पासवर्ड और लॉगिन क्रेडेंशियल डार्क वेब पर बिक रहे हैं।
ये डेटा लीक Google, Apple, Facebook, Telegram, GitHub और यहां तक कि सरकारी एजेंसियों तक फैला हुआ है।
इस लीक ने सिर्फ आम यूजर्स नहीं, बल्कि ग्लोबल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है पूरी घटना?
Forbes की रिपोर्ट और CyberNews की जांच के मुताबिक, इस लीक के पीछे Infostealer मालवेयर का हाथ है, जो पिछले कुछ महीनों से दुनियाभर में एक्टिव थे।
30 अलग-अलग डेटासेट में मिले पासवर्ड की कुल संख्या 16 अरब से अधिक बताई जा रही है।
किन प्लेटफॉर्म्स पर सबसे ज्यादा असर?
इस मालवेयर की वजह से जिन प्लाटफॉर्म्स पर सबसे ज्यादा फर्क पड़ा है, उनमें शामिल हैं:
Apple ID / iCloud
Facebook / Instagram
Telegram
GitHub
सरकारी एजेंसियों के पोर्टल्स
ये सिर्फ लॉगिन डिटेल्स की चोरी नहीं है, ये फिशिंग अटैक, आईडी थेफ्ट, और यहां तक कि फुल अकाउंट कंट्रोल छिनने जैसा खतरा बन चुका है।
क्या आप भी खतरे में हैं?
अगर आप कोई भी ऊपर बताए गए प्लेटफॉर्म्स इस्तेमाल करते हैं, तो हां, आप जोखिम में हो सकते हैं।
इसलिए ये जानना जरूरी नहीं कि आपका पासवर्ड लीक हुआ या नहीं, तुरंत एक्शन लेना जरूरी है।
खुद को सुरक्षित रखने के लिए अभी क्या करें?
इस वक्त में जो आप कर सकते हैं, इस मालवेयर से बचने के लिए, वो ये हैं:
पासवर्ड तुरंत बदलें, खासकर Gmail, Apple ID, Facebook और बैंकिंग से जुड़े सभी अकाउंट्स के।
Two-Factor Authentication (2FA) ऑन करें, ये आपको एक एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर देता है।
पासकी (Passkey) यूज़ करना शुरू करें, ये नया और ज्यादा सुरक्षित पासवर्ड-फ्री लॉगिन सिस्टम है।
एक ही पासवर्ड कई जगह इस्तेमाल न करें, इससे लीक होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
फिशिंग ईमेल और अनजान लिंक से बचें, कोई भी संदिग्ध ईमेल या मैसेज तुरंत डिलीट करें।
Google ने क्या कहा?
Google ने आधिकारिक गाइडलाइन जारी करते हुए यूजर्स से आग्रह किया है कि वो:
पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करें,
Passkeys को एक्टिवेट करें और,
समय-समय पर सिक्योरिटी चेकअप जरूर करें
ये लीक कितना बड़ा है?
इसका अंदाज आप केवल इस बात से लगा सकते हैं, कि Cybernews के Vilius Petkauskas ने इस घटना पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “ये सिर्फ एक डेटा लीक नहीं, बल्कि डिजिटल पहचान की सबसे बड़ी डकैती है।”
बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।
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