हाल ही में एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक उड़ान में हड़कंप मच गया, जब एक यात्री ने फ्लाइट में कॉकपिट खोलने की कोशिश की। उसने पासकोड के जरिए दरवाजा खोलने का प्रयास किया। इस घटना के बाद यात्री और उसके साथ मौजूद आठ लोग तुरंत सीआईएसएफ के हवाले कर दिए गए।हालांकि यह घटना सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर थी, लेकिन इस मौके पर यह समझना भी जरूरी है कि कॉकपिट में वास्तव में क्या-क्या उपकरण और सिस्टम होते हैं और वे पायलट की उड़ान में किस प्रकार मदद करते हैं।कॉकपिट: विमान का दिल और दिमागकॉकपिट सिर्फ पायलटों के बैठने की जगह नहीं है। यह विमान की उड़ान और सुरक्षा का सबसे अहम केंद्र होता है। यहां से पायलट विमान की दिशा, ऊंचाई, गति और मौसम की निगरानी करते हैं। कॉकपिट के उपकरण विमान को सुरक्षित उड़ान भरने के लिए आवश्यक सभी जानकारी प्रदान करते हैं और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से लगातार संपर्क बनाए रखते हैं।नियंत्रण योक और थ्रॉटल: विमान की गति और दिशाकॉकपिट में मुख्य नियंत्रण योक या साइड-स्टिक और पैडल लगे होते हैं। ये पायलट को विमान की दिशा, पिच, रोल और यॉ पर नियंत्रण करने में मदद करते हैं। थ्रॉटल क्वाड्रेंट इंजन की पावर को नियंत्रित करता है, जिससे विमान की स्पीड तय होती है। चाहे विमान टेकऑफ कर रहा हो, उड़ान में हो या लैंडिंग के लिए उतर रहा हो, थ्रॉटल पायलट को हर स्थिति में नियंत्रण देता है।कम्युनिकेशन और नेविगेशनकॉकपिट में रेडियो और कम्युनिकेशन पैनल लगे होते हैं, जिनकी मदद से पायलट एयर ट्रैफिक कंट्रोल और आसमान में मौजूद अन्य विमानों से संपर्क बनाए रखते हैं। नेविगेशन सिस्टम जैसे GPS, VOR और ILS पायलट को विमान की सही स्थिति और दिशा बताने में मदद करते हैं। इन उपकरणों की मदद से उड़ान सुरक्षित और सटीक बनती है।डिस्प्ले और ऑटोपायलट सिस्टमकॉकपिट में प्राथमिक उड़ान प्रदर्शन (PFD) और मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (MFD) लगे होते हैं, जो वास्तविक समय में विमान की गति, ऊंचाई और स्थिति की जानकारी देते हैं। लंबे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के दौरान ऑटोपायलट सिस्टम पायलटों की मदद करता है। यह विमान को स्थिर रखता है और जरूरत पड़ने पर दिशा निर्देश देता है।इमरजेंसी और सुरक्षा उपकरणसुरक्षा के लिहाज से कॉकपिट में ट्रांसपोंडर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अग्निशामक यंत्र भी मौजूद होते हैं। ट्रांसपोंडर रडार पर विमान की पहचान सुनिश्चित करता है और अन्य विमानों से टकराव की संभावना कम करता है। ऑक्सीजन सिलेंडर और अग्निशामक यंत्र इमरजेंसी की स्थिति में पायलट की मदद करते हैं।उड़ान, सुरक्षा और संचालन का केंद्रीय हिस्साकॉकपिट केवल पायलटों का कंट्रोल रूम नहीं है, बल्कि यह विमान की उड़ान, सुरक्षा और संचालन का केंद्रीय हिस्सा है। यहां मौजूद हर उपकरण, बटन और डिस्प्ले यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और पायलटों को निर्बाध उड़ान भरने में मदद करते हैं। हालिया घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि कॉकपिट तक किसी अनधिकृत व्यक्ति की पहुंच रोकना कितना महत्वपूर्ण है।कॉकपिट की सुरक्षा और इसके उपकरण विमान के लिए जीवन रक्षक साबित होते हैं, और यही कारण है कि इसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ को बेहद गंभीर माना जाता है। Comments (0) Post Comment