ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का मतदान खत्म हो चुका है और अब सभी की नजरें 16 नवंबर पर टिकी हुई हैं जब वोटों की गिनती होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गिनती शुरू होने से पहले चुनाव अधिकारी क्या-क्या काम करते हैं। आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया के बारे में।
EVM की सुरक्षा सबसे जरूरी
मतदान खत्म होने के बाद सभी EVM को स्ट्रांग रूम में रखा जाता है। इन स्ट्रांग रूम की सुरक्षा बहुत सख्त होती है। यहां 24 घंटे पुलिस और पैरामिलिट्री बलों की तैनाती रहती है। CCTV कैमरे लगाए जाते हैं और हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी स्ट्रांग रूम के बाहर पहरा देने की अनुमति होती है। वे बारी-बारी से स्ट्रांग रूम की निगरानी करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि EVM के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो।
मॉक ड्रिल की जाती है
गिनती के दिन सुबह जल्दी सभी EVM की मॉक ड्रिल की जाती है। इसमें यह जांचा जाता है कि सभी मशीनें ठीक से काम कर रही हैं या नहीं। अगर किसी मशीन में कोई खराबी पाई जाती है तो उसे तुरंत बदल दिया जाता है।
मॉक ड्रिल के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते हैं। वे देखते हैं कि मशीनें सही तरीके से काम कर रही हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से होती है ताकि किसी को कोई शक न हो।
एजेंटों की पहचान की जांच
हर राजनीतिक दल अपने एजेंट गिनती केंद्र पर भेजता है। गिनती शुरू होने से पहले इन सभी एजेंटों की पहचान की पूरी जांच की जाती है। उनके पास चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए वैध दस्तावेज होने चाहिए।
अगर किसी एजेंट के पास सही दस्तावेज नहीं हैं तो उसे गिनती केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती। यह सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति गिनती केंद्र में न घुस सके।
टेबल और काउंटिंग हॉल की तैयारी
गिनती केंद्र में टेबल लगाए जाते हैं जहां EVM रखी जाएंगी। हर टेबल पर एक सुपरवाइजर और कुछ काउंटिंग असिस्टेंट होते हैं। इन सभी को पहले ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे सही तरीके से गिनती कर सकें।
काउंटिंग हॉल की पूरी तैयारी की जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि हॉल में पर्याप्त रोशनी है, बिजली की व्यवस्था ठीक है और सभी जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं। CCTV कैमरे लगाए जाते हैं ताकि पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग हो सके।
राउंड वाइज गिनती की तैयारी
वोटों की गिनती राउंड वाइज होती है। एक राउंड में एक निश्चित संख्या की EVM गिनी जाती हैं। हर राउंड के बाद रिजल्ट घोषित किए जाते हैं। इस तरह धीरे-धीरे सभी EVM की गिनती होती है।
अधिकारी पहले से ही यह तय कर लेते हैं कि कितने राउंड होंगे और हर राउंड में कितनी EVM गिनी जाएंगी। यह योजना बनाने से गिनती की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है।
VVPAT की जांच
EVM के साथ-साथ VVPAT की भी जांच की जाती है। VVPAT एक पर्ची छापता है जिसमें मतदाता ने किसे वोट दिया यह लिखा होता है। रैंडम तरीके से कुछ बूथों के VVPAT की पर्चियों को EVM के रिजल्ट से मिलाया जाता है।
यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए की जाती है कि EVM में दिखाया गया रिजल्ट सही है। अगर VVPAT और EVM के रिजल्ट में कोई अंतर आता है तो उस बूथ की पूरी जांच की जाती है।
पोस्टल बैलट की गिनती
गिनती शुरू होने से पहले पोस्टल बैलट की गिनती भी की जाती है। कुछ मतदाता जो मतदान केंद्र पर नहीं जा सकते वे डाक से अपना वोट भेजते हैं। इन पोस्टल बैलट को पहले गिना जाता है।
पोस्टल बैलट की गिनती भी पूरी पारदर्शिता से होती है। राजनीतिक दलों के एजेंट इस प्रक्रिया को देख सकते हैं। हर पोस्टल बैलट की जांच की जाती है कि वह वैध है या नहीं।
मीडिया और पर्यवेक्षकों की व्यवस्था
गिनती के दिन बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी गिनती केंद्र पर होते हैं। उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाती है। उन्हें एक निश्चित स्थान पर बैठाया जाता है जहां से वे गिनती की प्रक्रिया देख सकते हैं लेकिन हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक भी मौजूद रहते हैं। वे पूरी प्रक्रिया पर नजर रखते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी नियमों का पालन हो रहा है। अगर कोई समस्या आती है तो वे तुरंत हस्तक्षेप करते हैं।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम
गिनती के दिन सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाते हैं। गिनती केंद्र के अंदर और बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए जाते हैं। किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जाते हैं।
गिनती केंद्र के आसपास के इलाके में भी कड़ी सुरक्षा रहती है। किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को गिनती केंद्र के पास नहीं आने दिया जाता। यह सुनिश्चित किया जाता है कि गिनती की प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो।
रिजल्ट की घोषणा
जैसे-जैसे हर राउंड की गिनती पूरी होती है, रिजल्ट घोषित किए जाते हैं। रिटर्निंग ऑफिसर हर उम्मीदवार को मिले वोटों की गिनती बताते हैं। यह जानकारी मीडिया और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी डाली जाती है।
सभी राउंड की गिनती पूरी होने के बाद अंतिम रिजल्ट घोषित किया जाता है। जीतने वाले उम्मीदवार को सर्टिफिकेट दिया जाता है। अगर किसी उम्मीदवार को रिजल्ट पर आपत्ति है तो वह रिटर्निंग ऑफिसर से शिकायत कर सकता है।
बिहार चुनाव 2025 में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 16 नवंबर को सुबह से गिनती शुरू होगी और शाम तक सभी सीटों के रिजल्ट आ जाएंगे। फिर पता चलेगा कि बिहार की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।
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