बीते शुक्रवार को शेयर बाजार हल्के उतार-चढ़ाव के बाद गिरावट के साथ बंद हुआ था। सेंसेक्स 501 अंक गिरकर 81,757 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी में 143 अंकों की कमजोरी देखी गई, लेकिन अब इस हफ्ते यानी आज 21 जुलाई 2025 (सोमवार) से शुरू होने वाले कारोबारी हफ्ते में बाज़ार की चाल पूरी तरह बदल सकती है, क्योंकि बीते दो दिन में कई ऐसे बड़े घटनाक्रम हुए हैं जिनका असर अब घरेलू शेयर बाजार पर पड़ेगा।कंपनी नतीजों से मिले पॉजिटिव संकेतगौर करने वाली बात ये है कि, शुक्रवार बाजार बंद होने के बाद से लेकर रविवार तक तीन दिग्गज कंपनियों, रिलायंस, HDFC बैंक और ICICI बैंक, ने अपने जून तिमाही के नतीजे जारी किए हैं।ये नतीजे काफी हद तक उम्मीदों के मुताबिक और कुछ मामलों में बेहतर रहे, जिससे इस हफ्ते में बैंकिंग और एनर्जी सेक्टर में हलचल दिख सकती है।रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जून तिमाही में 78% की उछाल के साथ ₹26,994 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया है।EBITDA में भी करीब 36% की सालाना ग्रोथ देखी गई है, जो संकेत देता है कि एनर्जी और रिटेल डिवीज़न का प्रदर्शन बेहतर रहा है।वहीं, HDFC बैंक का मुनाफा ₹18,155 करोड़ रहा, साथ ही बैंक ने 1:1 बोनस और ₹5 का स्पेशल डिविडेंड भी घोषित किया, ये बैंकिंग शेयरों के लिए पॉजिटिव सेंटिमेंट बना सकता है।ICICI बैंक ने भी शानदार 15.5% मुनाफा दर्ज किया है, और NPA का स्तर स्थिर रहा है, जिससे इसकी स्टॉक पर भी पॉजिटिव ओपनिंग की उम्मीद है।INDIA-US ट्रेड डील में नहीं निकला हलइधर, अमेरिका के साथ भारत की ट्रेड डील पर 5 राउंड की बातचीत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची।ये अनिश्चितता, खासकर टेक और फार्मा सेक्टर के शेयरों पर इस हफ्ते में दबाव बना सकती है, क्योंकि इन सेक्टरों का भारी निर्भरता निर्यात पर होती है।वहीं, अमेरिका की तरफ से फिर से टैरिफ लगाने की आशंका ने निवेशकों को थोड़ा सतर्क कर दिया है। हालांकि घरेलू स्तर पर कंपनियों के बेहतर रिजल्ट कुछ बैलेंस बना सकते हैं।डॉलर का मूड और विदेशी संकेतइसके अलावा, डॉलर इंडेक्स 98.35 पर स्थिर रहा है, लेकिन जापानी येन में आई मजबूती और यूरो-पाउंड में नरमी कुछ एफआईआई फ्लो पर असर डाल सकते हैं।अगर डॉलर मजबूत होता है तो FII की निकासी बढ़ सकती है, जिससे बाजार को झटका लग सकता है।कच्चे तेल में हल्का उबालइसी के साथ, तेल की कीमतों में हल्की बढ़त देखने को मिली है। ब्रेंट क्रूड $69.45 पर और WTI क्रूड $67.52 पर ट्रेड कर रहा है।अगर ये ट्रेंड बना रहा, तो इंडियन इक्विटी मार्केट पर थोड़ा दबाव आ सकता है, खासकर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर।रुपया और वैश्विक सेंटीमेंट्स भी अहमवहीं, रुपये की स्थिति और एशियाई बाजारों की ओपनिंग भी इस हफ्ते के शुरुआती कारोबार को प्रभावित करेगी।जापान में राजनीतिक अस्थिरता के बाद येन की मजबूती और चीन के आंकड़े भी निगेटिव ट्रिगर बन सकते हैं।इसे तेजी माना जाये या गिरावट?जहां एक ओर रिलायंस, HDFC और ICICI के दमदार नतीजे बाजार को सपोर्ट दे सकते हैं, वहीं दूसरी ओर US डील की अनिश्चितता, डॉलर की चाल और ग्लोबल ट्रेंड रुकावट पैदा कर सकते हैं।कुल मिलाकर, बाजार की चाल इस हफ्ते मिश्रित संकेतों के साथ आगे बढ़ेगी और सेक्टर-विशिष्ट ट्रेंड देखने को मिल सकता है।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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