सबसे सस्ता iPhone फेल! 16e मॉडल क्यों नहीं भा रहा भारतीयों को?

भारत में iPhone की दीवानगी किसी से छुपी नहीं है, लेकिन 2025 की दूसरी तिमाही में Apple के एक मॉडल ने उम्मीदों को खासा निराश किया है।


iPhone 16 Series ने जहां धूम मचाई, वहीं इसी सीरीज का सबसे किफायती मॉडल iPhone 16e लोगों को बिलकुल भी रास नहीं आया।


Canalys की रिपोर्ट बताती है कि भारत में Apple की शिपमेंट में iPhone 16 Series का योगदान 55% से ज़्यादा रहा, लेकिन इसके बावजूद iPhone 16e की सेल बेहद धीमी रही।


खास बात ये है कि, iPhone 15 और यहां तक कि पुराने iPhone 13 जैसे मॉडल्स की अब भी अच्छी खासी डिमांड बनी हुई है, लेकिन iPhone 16e इस लिस्ट में कहीं फिट नहीं हो पाया।


iPhone 16e पर उठे सवाल, सिंगल कैमरा बना वजह


गौर करने वाली बात ये है कि, iPhone 16e की कमज़ोर परफॉर्मेंस की सबसे बड़ी वजह इसका सिंगल रियर कैमरा सेटअप माना जा रहा है।


Canalys के प्रमुख विश्लेषक संयम चौरसिया के मुताबिक, भारतीय यूज़र्स इस फोन के फीचर्स से संतुष्ट नहीं हैं, खासतौर पर तब जब वो उतने ही पैसे में ज्यादा बेहतर ऑप्शन देख रहे हैं।


यानी कहने का मतलब ये है कि भारतीय खरीदार सिर्फ 'Apple' नाम से प्रभावित नहीं होते, उन्हें फंक्शनल वैल्यू भी चाहिए।


ब्रांडिंग नहीं, वैल्यू है जरूरी


iPhone 16e के साथ ये स्पष्ट हुआ है कि प्रीमियम मिड-सेगमेंट में भारतीय ग्राहक अब ज़्यादा स्मार्ट हो चुके हैं। उन्हें सिर्फ ब्रांड नहीं, बैलेंस्ड स्पेसिफिकेशन और बेहतर कैमरा भी चाहिए।


इसी वजह से, iPhone 16 और iPhone 15 जैसे महंगे मॉडल्स, जो फीचर-पैक्ड हैं, 16e से कहीं बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं, यहाँ तक कि जब उनकी कीमत ज्यादा है।


Apple की भारत में मजबूती बरकरार


फिलहाल, Apple भारत में अपनी स्थिति मज़बूत कर रहा है, स्थानीय उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा है, रिटेल स्टोर की उपस्थिति भी मजबूत हो रही है और EMI जैसे फाइनेंस ऑप्शन्स से ग्राहकों की पहुंच आसान हो रही है।


यानी बाकी फोन भले न चलें, लेकिन Apple भारत में जड़ें गहरी करने में लगा हुआ है।


तो आखिर क्यों नहीं बिक रहा iPhone 16e?


  • सिंगल कैमरा डिज़ाइन - यूज़र्स को लगता है कि कीमत के हिसाब से फीचर्स कम हैं

  • कम हार्डवेयर वैल्यू - बाकी iPhones की तुलना में प्रोसेसिंग और कैमरा फीचर्स कमजोर

  • बदले ग्राहक ट्रेंड्स - लोग अब सिर्फ नाम से नहीं, फीचर्स देखकर खरीद रहे हैं


कहना गलत नहीं होगा कि, भारतीय ग्राहक अब पहले से कहीं ज़्यादा वैल्यू-सेंसिटिव हो चुके हैं, और Apple को भी ये बात अब भली-भांति समझ में आ गई होगी।


आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।


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