ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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भारत के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल 11 सितंबर 2030 तक रहेगा।
शपथ और कार्यक्रम
राधाकृष्णन ने शपथ ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में ली। शपथ ग्रहण समारोह का समापन राष्ट्रगान से हुआ। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने राज्यसभा के सभी नेताओं के साथ बैठक करने का कार्यक्रम भी रखा है, जो दोपहर 12:30 बजे शुरू होगी।
चुनाव और मतों का विवरण
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को 9 सितंबर को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया था। उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 452 वोटों से हराया। कुल 781 में से 767 सांसदों ने मतदान किया, जिससे वोटिंग प्रतिशत 98.2% रहा। इनमें से 752 वोट वैध और 15 वोट अवैध थे। राधाकृष्णन को एनडीए का समर्थन 427 सांसदों से प्राप्त था, लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि YSRCP के 11 सांसदों ने भी उनका समर्थन किया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल से इस्तीफा
राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति बनने से पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में इसकी पुष्टि की गई। उनके इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा।
जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात
शपथ ग्रहण के बाद राधाकृष्णन ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की और नई जिम्मेदारियों को लेकर उनसे चर्चा की। उनका लक्ष्य राज्यसभा के प्रभावी संचालन और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूती देना बताया जा रहा है।
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