GDP, स्टार्टअप, हाईवे, रक्षा... मोदी सरकार के 11 साल में भारत बना ग्लोबल पावर

जून 2025 में मोदी सरकार के 11 साल पूरे हो गए हैं। 2014 में सत्ता में आने के बाद, फिर 2019 और अब 2024 में तीसरी बार सरकार में वापसी कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अर्थव्यवस्था, तकनीक, रक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोजगार जैसे क्षेत्रों में कई बड़े बदलाव देखे हैं।

इन बदलावों का सबसे बड़ा असर देश की इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ा है।


दुनिया की 10वीं से चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बना भारत

बीते 11 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था ने ग्लोबल रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई है। देश 10वें स्थान से सीधे चौथे नंबर पर आ गया है।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल में कहा कि IMF के आंकड़ों के मुताबिक भारत चौथे स्थान पर है और दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी बना हुआ है।


उद्योग, स्टार्टअप और मुद्रा योजना का असर

मोदी सरकार के कार्यकाल में उद्योगों को बूस्ट देने के लिए बड़े कदम उठाए गए।

  • 1.6 करोड़ युवाओं का कौशल विकास

  • 1.6 लाख से अधिक स्टार्टअप्स को सरकार से सपोर्ट

  • 52.5 करोड़ मुद्रा लोन दिए गए जिससे छोटे व्यवसायों और स्वरोजगार को बल मिला


इसका नतीजा ये हुआ कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन को लेकर नई लहर देखने को मिली।


रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और निर्यात में उछाल

भारत अब रक्षा क्षेत्र में भी ब्रह्मोस जैसे मिसाइल सिस्टम का निर्यात कर रहा है। पिछले 11 सालों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 33 गुना तक बढ़ गया है।

इसके साथ ही मेक इन इंडिया को रक्षा उपकरणों के निर्माण में भी तेजी से अपनाया गया है।


स्पेस से लेकर रेलवे तक, इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

मोदी सरकार के 11 सालों में भारत ने धरती से आकाश तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत बना चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश


स्पेस इकोनॉमी का निजीकरण, नए स्टार्टअप्स को एंट्री

इसके अलावा अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को भी निजीकरित कर दिया गया है, ताकि व्यवसाय की दुनिया में आने वाले नए लोगों को मौका मिल सके।

कई स्तरों पर इसका सीधा फायदा देखने को मिल जिनमें शामिल है:


  • एयरपोर्ट की संख्या 74 से बढ़कर 160 हो गई

  • 1300 रेलवे स्टेशनों का री-डेवलपमेंट

  • 136 वंदे भारत ट्रेनें और 23 से ज्यादा शहरों में मेट्रो का विस्तार

  • 1.51 लाख करोड़ यात्राएं ‘उड़ान योजना’ के तहत

  • हाईवे नेटवर्क 91,000 किमी से बढ़कर 1.46 लाख किमी तक पहुंचा


इन सभी योजनाओं ने भारत के ट्रांसपोर्ट, कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स को नया आयाम दिया है।

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