ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण और राम–सीता विवाह उत्सव की तैयारियां पूरी तरह से संपन्न हो चुकी हैं। राममंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर ध्वज फहराने के लिए विशेष ऑटोमैटिक फ्लैग होस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। इसी सिस्टम की मदद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाकर ध्वज फहराएंगे। इस अवसर पर RSS प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे के बीच संपन्न होगा, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि भगवान राम का जन्म भी अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था।
ध्वजारोहण की तैयारियां पूरी, अभिजीत मुहूर्त तय
ध्वज को विशेष नायलॉन पैराशूट फैब्रिक से तैयार किया गया है, जो तेज धूप, बारिश और हवा में सुरक्षित रहता है। इसके ऊपर सूर्यवंश, ॐ और कोविदार वृक्ष के पवित्र चिह्न उकेरे गए हैं। ध्वज 360 डिग्री तक घूम सकता है और इसे बदलने के लिए पुजारियों को शिखर पर चढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि कंट्रोल रूम से इसे नीचे लाया जा सकेगा। अभी यह निर्धारित नहीं है कि ध्वज कितने समय के अंतराल पर बदला जाएगा।
धार्मिक अनुष्ठान शुरू, यजमान बने डॉक्टर अनिल मिश्रा
जन्मभूमि परिसर में मंडप और बेदी पूजन के साथ ध्वजारोहण के अनुष्ठान पहले ही शुरू हो चुके हैं। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी इस पूरे धार्मिक आयोजन के मुख्य यजमान बने हैं। इससे पहले 20 नवंबर को 251 महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली थी और इस यात्रा से प्राप्त जल का उपयोग 25 नवंबर को रामलला के अभिषेक में किया जाएगा।
अयोध्या में राम-सीता विवाह उत्सव की धूम
अयोध्या में राम–सीता विवाह उत्सव की धूम भी शुरू हो चुकी है। शहर के प्रमुख मंदिरों, जैसे कनक भवन, मणिरामदास छावनी, रामवल्लभाकुंज, रंगमहल और जानकी महल सहित कुल 12 मंदिरों से भव्य बारातें निकाली जाएंगी। इन बारातों में शहनाई, मृदंग और भक्ति संगीत की गूंज होगी और भक्त नाचते–गाते प्रभु श्रीराम की शोभा यात्रा में शामिल होंगे। हर मंदिर से निकलने वाली बारात अपने प्रारंभिक स्थान पर ही जाकर समाप्त होगी। इस उत्सव में जनकपुरी (नेपाल) से भी विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया है।
PM मोदी का 3 घंटे का अयोध्या दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या दौरा लगभग तीन घंटे का होगा। वे सुबह 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे। सबसे पहले वे हनुमानगढ़ी में दर्शन और पूजन करेंगे, जिसके बाद वे रामलला और राम दरबार के दर्शन करेंगे और आरती उतारेंगे। ध्वजारोहण कार्यक्रम के बाद वे सप्त मंदिर परकोटा, शेषावतार मंदिर और रामायण पर आधारित म्यूरल्स का भी अवलोकन कर सकते हैं। इसके अलावा वे मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले श्रमिकों और इंजीनियरों से भी मुलाकात करेंगे, जिसके लिए मां अन्नपूर्णा मंदिर के पीछे एक विशेष ग्रीन हाउस तैयार किया गया है। इस पूरे क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था SPG के हाथों में है।
कड़ी सुरक्षा और सुविधाओं की विशेष व्यवस्था
दिल्ली में हाल ही में हुए ब्लास्ट के बाद सुरक्षा और सख्त कर दी गई है। पहले मेहमानों को मोबाइल ले जाने की अनुमति थी, लेकिन अब किसी को भी मोबाइल अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होगी। सभी मेहमानों को सुबह 8 बजे से 10 बजे के बीच मंदिर परिसर में प्रवेश करना होगा। परिसर में मेहमानों के लिए लंच की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के मद्देनज़र मेटल डिटेक्टर, डॉग स्क्वॉड और सर्विलांस की संख्या बढ़ा दी गई है।
अयोध्या आने वाले मेहमानों के लिए 5000 से अधिक कमरों की व्यवस्था की गई है, जिनमें से 1600 कमरे राम मंदिर ट्रस्ट ने विशेष रूप से बुक किए हैं। तीर्थपुरम में एक भव्य टेंट सिटी भी तैयार की गई है, जहां ढाई हजार लोगों के ठहरने की सुविधा होगी। मेहमानों के लिए शहर भर में सात स्थानों पर भोजन और प्रसाद की व्यवस्था की गई है तथा परिसर में बड़ी–बड़ी LED स्क्रीनें लगाई जाएंगी। ट्रस्ट द्वारा 500 किलोग्राम लड्डू भी तैयार करवाए जा रहे हैं, जिन्हें पहले रामलला को अर्पित किया जाएगा और उसके बाद मेहमानों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा।
परिसर में पंचवटी का निर्माण और पर्यावरण संरक्षण
अयोध्या में श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। परिसर में दस हजार से अधिक लॉकर बनाए गए हैं, जहां लोग अपना सामान रख सकेंगे। एंट्री और एग्जिट रूट पर दो किलोमीटर तक कैनोपी लगाई गई हैं, ताकि श्रद्धालु धूप और बारिश से बच सकें। मंदिर परिसर में 30 से अधिक रामायण कालीन वृक्ष लगाए गए हैं और लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में पंचवटी का निर्माण किया जा रहा है। यहां मोर, बंदर और अन्य पक्षियों के रहने की प्राकृतिक व्यवस्था की जाएगी और एक छोटा जलाशय भी विकसित किया जा रहा है।
इस तरह अयोध्या 25 नवंबर को एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उत्सव का साक्षी बनने जा रही है, जिसमें ध्वजारोहण से लेकर राम–सीता विवाह तक हर कार्यक्रम भक्ति और परंपरा की अनोखी छटा बिखेरने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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