मायावती ने 9 साल बाद लखनऊ में शक्ति प्रदर्शन किया

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बसपा सुप्रीमो मायावती ने 9 साल बाद लखनऊ में एक बड़ी रैली का आयोजन किया। अंबेडकर मैदान में हुई इस रैली में बिहार, पंजाब, हरियाणा समेत पांच राज्यों से लाखों समर्थक पहुंचे। भीड़ इतनी अधिक थी कि लगभग 5 किमी तक जाम जैसी स्थिति बन गई। मंच पर मायावती ने सीएम योगी की तारीफ की और सपा को दोहरे रवैये वाली पार्टी बताते हुए कहा कि जनता अब इनके स्वार्थी और दोहरे चरित्र को समझ चुकी है।

 आजम खान और चंद्रशेखर पर तंज

 मायावती ने आजम खान के बसपा में शामिल होने की अफवाहों पर पहली बार खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे किसी से छिपकर नहीं मिलती, जो भी मुलाकात होती है वह खुले में होती है। इसके अलावा उन्होंने बिना नाम लिए नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बसपा के वोट को काटने के लिए स्वार्थी और बिकाऊ पार्टियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, और ऐसे दलों को अपना वोट नहीं देना चाहिए।

 भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया

 रैली के दौरान मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित किया। उन्होंने बताया कि आकाश आनंद पार्टी के लिए शुभ संकेत हैं और उनके दिशानिर्देश में काम करेंगे। मायावती ने कहा कि जिस प्रकार से कांशीराम ने उन्हें आगे बढ़ाया, उसी तरह आकाश आनंद को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

 रैली में भारी उत्साह और समर्थन

 आंबेडकर मैदान में रैली का माहौल उत्साहपूर्ण था। महिलाएं, बच्चे और लाखों समर्थक अपने खून-पसीने की कमाई से पैदल चलकर रैली में शामिल हुए। आकाश आनंद ने कहा कि जिस तरह की भीड़ जमा हुई है, यह साफ संकेत है कि 2027 में बसपा पांचवीं बार सत्ता में आने जा रही है। समर्थकों ने जोर देकर कहा कि यह कोई चुनाव नहीं, बल्कि बसपा के आंदोलन और मिशन का ट्रेलर है।

 विपक्ष के षड्यंत्र और चेतावनी

 मायावती ने विपक्षी दलों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा और भाजपा जैसी पार्टियां बसपा को कमजोर करने के लिए कई हथकंडे अपनाती हैं। उनका उद्देश्य वोट ट्रांसफर कराना और दलित वोटों को तोड़ना है। उन्होंने समर्थकों से अपील की कि ऐसे लोगों को वोट दें और बसपा को मजबूत करें।

 बसपा की उपलब्धियां और दलितों के लिए संघर्ष

 मायावती ने कहा कि बसपा ने पिछड़े और दलित वर्गों के लिए समान अधिकार और आरक्षण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि उनके अथक प्रयासों से एससी-एसटी वर्गों में सरकारी नौकरी में पदोन्नति के लिए आरक्षण बिल संसद में लाया गया। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि उनकी जातिवादी और पूंजीवादी सोच के कारण दलितों और पिछड़ों का विकास रुका।

 सपा और भाजपा पर कटाक्ष

 मायावती ने सपा और भाजपा दोनों पर तीखे कटाक्ष किए। कहा कि सपा ने हमेशा पक्षपात किया और कानून व्यवस्था को बर्बाद किया। भाजपा ने सत्ता में रहते हुए भी पिछड़ों और दलितों के हित में पर्याप्त काम नहीं किया। इसके विपरीत वर्तमान सरकार की उनकी कुछ परियोजनाओं की उन्होंने सराहना की।

 कांशीराम और बाबासाहेब के आदर्श

 मायावती ने कांशीराम और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को याद किया। उन्होंने कहा कि बसपा का लक्ष्य हमेशा दलितों और पिछड़ों का उत्थान रहा है। उनका मानना है कि सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेने से ही समाज के पिछड़े वर्गों का विकास संभव है।

 मायावती की इस रैली का संदेश स्पष्ट था: बसपा फिर से सत्ता में आएगी, विरोधियों के षड्यंत्र कामयाब नहीं होंगे और दलित-पिछड़े वर्ग के लिए स्थायी विकास सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने समर्थकों से अपील की कि वे जागरूक रहें, पार्टी के आंदोलन में सक्रिय रहें और 2027 के विधानसभा चुनाव में बसपा को सत्ता दिलाएं। इस तरह, लखनऊ रैली ने बसपा के लिए राजनीतिक जोश, नई ऊर्जा और विश्वास का संचार किया है।


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