ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
दिल्ली में लाल किले के पास हुए भयानक विस्फोट की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश ATS ने कानपुर से कार्डियोलॉजी के एक डॉक्टर आरिफ को गिरफ्तार किया है। यह डॉक्टर कश्मीर के डॉक्टर शाहीन के करीबी थे जो इस पूरे आतंकी नेटवर्क का हिस्सा है। धमाके के दिन भी डॉ आरिफ डॉ शाहीन से संपर्क में थे।
कानपुर से हुई गिरफ्तारी
यूपी ATS ने कानपुर के एक अस्पताल से डॉ आरिफ को गिरफ्तार किया। वे कार्डियोलॉजी के डॉक्टर हैं और कानपुर में प्रैक्टिस करते थे। स्थानीय लोग उन्हें अच्छे डॉक्टर के रूप में जानते थे। किसी को अंदाजा नहीं था कि वे एक आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
ATS की टीम ने डॉ आरिफ के घर और क्लिनिक पर छापा मारा। वहां से कई संदिग्ध दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए। इन डिवाइसों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि डॉ आरिफ इस नेटवर्क में कितने गहराई तक शामिल थे।
डॉ शाहीन से था करीबी संबंध
जांच में पता चला है कि डॉ आरिफ कश्मीर के डॉक्टर शाहीन के करीबी दोस्त थे। दोनों की पढ़ाई एक साथ हुई थी और लंबे समय से उनके संपर्क में थे। डॉ शाहीन को भी इस आतंकी नेटवर्क में शामिल होने का शक है और उनकी तलाश चल रही है।
फोन रिकॉर्ड्स से पता चला है कि धमाके के दिन भी डॉ आरिफ और डॉ शाहीन के बीच कई बार बात हुई थी। ATS यह जानने की कोशिश कर रही है कि उस दिन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई और क्या डॉ आरिफ को धमाके की योजना के बारे में पता था।
मेडिकल प्रोफेशन का गलत इस्तेमाल
सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये डॉक्टर अपनी मेडिकल शिक्षा का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए कर रहे थे। उमर उन नबी भी एक डॉक्टर था और उसने अपनी केमिस्ट्री की जानकारी का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया था। अब डॉ आरिफ और डॉ शाहीन भी इसी तरह की गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक खतरनाक ट्रेंड है। पढ़े-लिखे लोग जब आतंकवाद का रास्ता चुनते हैं तो वे ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि उनके पास ज्ञान और संसाधन दोनों होते हैं।
कश्मीर कनेक्शन
यह पूरा आतंकी नेटवर्क कश्मीर से जुड़ा हुआ है। उमर उन नबी कश्मीर के बांदीपोरा का रहने वाला था। डॉ शाहीन भी कश्मीर से हैं। अब जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह नेटवर्क पाकिस्तान से संचालित हो रहा है।
कश्मीर में आतंकवाद की समस्या लंबे समय से है। हालांकि पिछले कुछ सालों में स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी कुछ लोग आतंकवाद में शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियां लगातार उन पर नजर रख रही हैं।
फंडिंग का सवाल
ATS यह भी जांच कर रही है कि इस आतंकी नेटवर्क को फंडिंग कहां से मिल रही थी। तीन कारें खरीदना, विस्फोटक सामग्री जुटाना और पूरी योजना बनाने में काफी पैसा खर्च हुआ होगा। यह पैसा कहां से आया यह जानना बहुत जरूरी है।
आतंकी नेटवर्क को अक्सर विदेश से फंडिंग मिलती है। पाकिस्तान और खाड़ी देशों से पैसा आता है। ATS बैंक ट्रांजैक्शन्स की जांच कर रही है और देख रही है कि क्या किसी संदिग्ध खाते में पैसा आया है।
अन्य संदिग्धों की तलाश
डॉ आरिफ की गिरफ्तारी के बाद ATS को कुछ अन्य नामों का भी पता चला है। इन लोगों की भी तलाश की जा रही है। यूपी में कई जगहों पर छापेमारी चल रही है। कुछ और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है।
ATS का मानना है कि यह एक बड़ा नेटवर्क है और कई लोग इसमें शामिल हैं। हर व्यक्ति की एक खास भूमिका थी। कुछ लोग योजना बनाते थे, कुछ विस्फोटक जुटाते थे और कुछ लॉजिस्टिक्स का काम करते थे।
NIA भी कर रही है जांच
यह मामला अब NIA के पास है। NIA और यूपी ATS मिलकर जांच कर रहे हैं। दोनों एजेंसियों के बीच समन्वय है और जानकारी शेयर की जा रही है। NIA के पास आतंकवाद से जुड़े मामलों में जांच का ज्यादा अनुभव है इसलिए उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है।
NIA ने पहले भी कई आतंकी नेटवर्क को उजागर किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी वे पूरे नेटवर्क को पकड़ लेंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे।
लोगों में चिंता
कानपुर के लोग इस खबर से सकते में हैं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि एक सम्मानित डॉक्टर आतंकवाद में शामिल हो सकता है। लोग कह रहे हैं कि डॉ आरिफ को वे अच्छे डॉक्टर के रूप में जानते थे। वे मरीजों का इलाज अच्छे से करते थे।
यह घटना यह दिखाती है कि आतंकवादी किसी भी रूप में हो सकते हैं। वे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक कोई भी हो सकते हैं। इसलिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है और अगर किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।
दिल्ली धमाके की जांच अभी जारी है और रोज नए खुलासे हो रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सभी दोषियों को पकड़ लिया जाएगा और उन्हें सजा मिलेगी।
Comments (0)
No comments yet. Be the first to comment!