ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
दिल्ली ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियां पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में बड़े पैमाने पर तलाशी और गिरफ्तारियां हो रही हैं। हर दिन इस साजिश से जुड़े नए खुलासे सामने आ रहे हैं, जो इस मॉड्यूल की गहराई और विस्तार को दिखाते हैं।
लखनऊ में गिरफ्तारी: भाई-बहन हिरासत में
रविवार को यूपी एटीएस ने लखनऊ में पारा इलाके के कुंदन विहार से एक भाई-बहन को हिरासत में लिया। दोनों का दिल्ली धमाके से कनेक्शन मिलने का शक है। सूत्रों का कहना है कि इनकी गतिविधियों और कुछ कॉल डेटा में संदिग्ध बातें पाई गईं, जिसके बाद हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू हुई।
सहारनपुर में 32 संदिग्ध गाड़ियां जब्त
सहारनपुर ARTO ऑफिस में पिछले तीन दिनों से एटीएस की टीम तैनात है। यहाँ से गाड़ियों का डेटा खंगाला जा रहा है। जांच में सामने आया कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद पकड़ी गई 32 गाड़ियों में से ज्यादातर सहारनपुर की हैं। ये गाड़ियां किसने और किस उद्देश्य से इस्तेमाल की थीं—इसकी पड़ताल जारी है।
भारत-पाक सीमा पर यूपी का युवक पकड़ा गया
जैसलमेर में BSF ने 21 वर्षीय पंकज कश्यप नाम के युवक को पकड़ा, जो पाकिस्तान की ओर संदिग्ध तरीके से जा रहा था। वह शाहजहांपुर का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला कि वह किसी “बड़े मिशन” पर जाने की फिराक में था। उसकी गतिविधियों को लेकर केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं।
फरीदाबाद में डॉक्टरों की सीक्रेट मीटिंग का खुलासा
जांच एजेंसियों के हाथ एक बड़ा सुराग लगा है। 31 अक्टूबर को फरीदाबाद में डॉ. अदील, डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच एक गुप्त बैठक हुई थी। यह मीटिंग उमर के कमरे में हुई। चर्चा आतंकी साजिश को अंजाम देने पर केंद्रित थी। उसी दौरान डॉ. शाहीन से फोन पर बात हुई। इसके दूसरे ही दिन, यानी 1 नवंबर को डॉ. अदील वापस सहारनपुर लौट गया।
एटीएस की दबिश और फरारी की कोशिश
6 नवंबर को जब एटीएस जम्मू-कश्मीर में अदील के घर पहुंची, तो परिवार ने तुरंत उसे इसकी जानकारी दे दी। इसके बाद उसने साथी डॉक्टरों—मुजम्मिल और उमर—को सतर्क किया। तीनों ने अपने फोन से कॉल लॉग और अन्य डेटा डिलीट कर दिया। उसी दिन अदील अस्पताल से घर जाने का बहाना बनाकर निकला, लेकिन एक रेस्टोरेंट में खाना खाते समय एटीएस ने उसे पकड़ लिया।
20 लाख रुपए जमा करके धमाका सामग्री खरीदी
जांच में सामने आया कि चारों डॉक्टरों—मुजम्मिल, अदील, उमर और शाहीन—ने मिलकर लगभग 20 लाख रुपये जमा किए। धमाका करने के लिए IED तैयार करने की जिम्मेदारी उमर को दी गई थी। इसके लिए करीब 3 लाख रुपए का सामान गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से खरीदा गया।
सबसे चौंकाने वाला हिस्सा था—20 क्विंटल से ज्यादा NPK उर्वरक, जो IED बनाने में इस्तेमाल हो सकता है।
‘ऑपरेशन हमदर्द’ का खुलासा
इससे पहले लखनऊ के लालबाग से डॉ. शाहीन सईद और उनके भाई परवेज को गिरफ्तार किया गया था। शाहीन, आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल की गर्लफ्रेंड बताई जाती है। मुजम्मिल की डायरी से ‘ऑपरेशन हमदर्द’ नाम की योजना का खुलासा हुआ—इसके तहत मुस्लिम लड़कियों को कट्टरता के जरिए हमलों के लिए तैयार करने की योजना थी। यह जिम्मेदारी शाहीन को दी गई थी।
रविवार को यूपी पुलिस फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी भी पहुंची, जहां डॉ. मुजम्मिल लेक्चरर था। वहाँ भी कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस खंगाले जा रहे हैं।
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