पूर्व केंद्रीय मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर मंगलवार को लखनऊ जिला जेल में हमला हुआ। इस हमले में उनके सिर पर चोट आई, जिसे देखते हुए उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमले के बाद उनके परिवार ने जेल में सुरक्षा बढ़ाने और न्याय की मांग की है। हमला कैसे हुआ जेल प्रशासन के अनुसार, मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे, जेल अस्पताल में सफाई करने वाले बंदी विश्वास से पानी लाने में देरी हुई। इस पर प्रजापति और बंदी के बीच बहस हो गई। नाराज बंदी ने मेज की दराज से छोटी लोहे की रॉड निकाली और प्रजापति के सिर पर कई वार किए। जेल के चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार करते हुए उन्हें छह टांके लगाए। इसके बाद प्रजापति को ट्रॉमा सेंटर भेजा गया। जेल अधिकारी और सुपरिटेंडेंट भी मौके पर पहुंचे। परिवार का बयान गायत्री प्रसाद प्रजापति की बेटी अंकिता प्रजापति ने कहा कि उनके पिता पिछले आठ सालों से एक सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जेल में हैं, जो उन्होंने कभी किया ही नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी महिला का मेडिकल नहीं कराया गया और उनके पिता को आजीवन कारावास की सजा दी गई। अंकिता ने कहा कि जेल में उनके पिता की जान को खतरा है और सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर मदद की मांग की। पत्नी का आरोप: साजिश की आशंका अमेठी से सपा विधायक और गायत्री की पत्नी महाराज प्रजापति ने कहा कि जेल में हमला साजिश के तहत किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सुई भी जेल में नहीं पहुंच सकती, तो चाकू या रॉड कैसे पहुंच गया। उन्होंने सरकार से न्याय और सुरक्षा की मांग की। राजनीतिक प्रतिक्रिया सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जेल में हुए हमले की निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी चाहिए। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश में कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है। स्वास्थ्य स्थिति गायत्री प्रसाद प्रजापति डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, किडनी और कमर दर्द जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं। इसी वजह से उन्हें जेल अस्पताल में रखा गया था। डॉक्टरों के अनुसार, सिर पर मामूली चोट आई थी और उन्हें ट्रॉमा सेंटर में दिखाया गया। जेल सुरक्षा और प्रशासन जेल अधिकारियों के अनुसार, यह घटना एक व्यक्तिगत झगड़े के कारण हुई। हालांकि, सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाए गए। जेल प्रशासन ने कहा कि पूर्व मंत्री अब पूरी तरह से ठीक हैं। बहरहाल, पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर हुए इस हमले ने जेल सुरक्षा और राजनीतिक हलकों में चिंता बढ़ा दी है। उनके परिवार और राजनीतिक नेताओं की मांग है कि जेल में उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए और इस हमले की सजग और निष्पक्ष जांच हो। इस घटना ने यह भी उजागर किया कि जेल प्रशासन को ऐसे मामलों में और सतर्क रहने की जरूरत है। Comments (0) Post Comment