उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवती और उसके भाई के साथ उनके ही फ्लैट में घुसकर मारपीट की गई। मामला तब चर्चा में आया जब पीड़ित युवती ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया और न्याय की गुहार लगाई। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। क्या है पूरा मामला यह घटना लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र के आईआईएम तिराहे के पास स्थित एल्डिको सिटी के कुटीर अपार्टमेंट की है। यहां रहने वाली शालू चौरसिया नाम की युवती ने आरोप लगाया कि सोसाइटी के सेक्रेटरी और कुछ लोगों ने उसके फ्लैट में घुसकर उसके और उसके भाई के साथ मारपीट की। शालू ने बताया कि घटना के बाद जब वह मड़ियांव थाने में एफआईआर दर्ज कराने पहुंची, तो पुलिस ने उसकी तहरीर नहीं ली। मजबूर होकर उसने पूरा मामला सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए बताया। इस वीडियो में शालू और उसका भाई फूट-फूटकर रोते हुए इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। विवाद की वजह क्या थी थाना प्रभारी के अनुसार, विवाद की शुरुआत गाड़ी पार्किंग को लेकर हुई थी। दरअसल, शालू ने अपनी कार सोसाइटी परिसर में खड़ी कर दी थी। गार्ड ने गाड़ी हटाई, जिससे शालू नाराज हो गईं। आरोप है कि उसने गार्ड से गाली-गलौज की और उसका मोबाइल तोड़ दिया जब उसने वीडियो बनाना शुरू किया। गार्ड ने इसके बाद सोसाइटी के सेक्रेटरी और अन्य पदाधिकारियों को बुलाया। बात इतनी बढ़ी कि मारपीट की नौबत आ गई। आरोप है कि सेक्रेटरी समेत कुछ लोगों ने फ्लैट में घुसकर शालू और उसके भाई को पीटा। पुलिस ने क्या कहा मामले में पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और वीडियो साक्ष्य की जांच की जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पहले विवाद किसने शुरू किया था और किसकी गलती ज्यादा थी। पुलिस का यह भी कहना है कि किसी भी स्थिति में निजी विवाद को हिंसा में बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अगर किसी पक्ष ने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। ज्यादातर यूजर्स ने कहा कि चाहे विवाद किसी भी कारण से हुआ हो, किसी महिला के घर में घुसकर उस पर हमला करना अमानवीय और गैरकानूनी है। कई लोगों ने पुलिस से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। कुछ यूजर्स ने यह भी सवाल उठाया कि जब पीड़िता एफआईआर दर्ज कराने थाने पहुंची, तो पुलिस ने उसकी बात तुरंत क्यों नहीं सुनी। सोशल मीडिया पर “Justice for Shalu” हैशटैग ट्रेंड कर रहा है और कई स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी युवती का समर्थन किया है। जांच जारी फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के वीडियो, बयान और अन्य साक्ष्य जुटा रही है। यह मामला अब सोशल मीडिया पर एक महिला सुरक्षा और पुलिस व्यवहार से जुड़ी बड़ी बहस का मुद्दा बन गया है। लखनऊ पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषी चाहे कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा। Comments (0) Post Comment
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