सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए से गठबंधन तोड़ने की धमकी दी है। राजभर का कहना है कि उनकी पार्टी को बिहार में चुनाव लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं दी गई, जबकि उन्होंने एनडीए से 4-5 सीटों की मांग की थी। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह "गठबंधन धर्म" का पालन नहीं कर रही है। बिहार में सुभासपा की चुनाव रणनीति ओम प्रकाश राजभर ने साफ किया कि सुभासपा बिहार में अब अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी एक मोर्चा बनाएगी और सभी 153 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने आगे कहा: "अब सुभासपा बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने पर विचार कर रही है। हम एक मोर्चा बनाएंगे और वहां चुनाव लड़ेंगे। अब तक पार्टी ने पहले चरण की 52 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू होगी।" राजभर ने यह भी कहा कि पार्टी अभी भी एनडीए के साथ रहने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए 4-5 सीटें एनडीए को उन्हें देनी होंगी। उन्होंने कहा कि बिहार में गठबंधन का सही पालन नहीं किया जा रहा है और भाजपा ने गलत फीडबैक दिया है। एनडीए ने सीट बंटवारे का किया ऐलान इस बयान के कुछ ही समय बाद एनडीए ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे का फॉर्मूला घोषित किया। एनडीए ने तय किया है कि: • भाजपा और जद(यू) 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।• लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।• राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान दो चरणों में होगा, पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी। गठबंधन में असंतोष और संभावित मोर्चा ओम प्रकाश राजभर के इस बयान से यह साफ हो गया है कि एनडीए के भीतर गठबंधन में असंतोष है। उनका कहना है कि बिहार में गठबंधन का सही पालन नहीं किया जा रहा है और सुभासपा अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। राजभर ने स्पष्ट किया कि यदि उन्हें उनकी मांग अनुसार सीटें नहीं दी गईं, तो सुभासपा पूरी तरह से स्वतंत्र मोर्चा बनाएगी और एनडीए से अलग चुनाव लड़ेगी। यह बिहार चुनाव के पहले बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। राजनीतिक उतार-चढ़ाव सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का बयान और एनडीए का सीट बंटवारा दोनों ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की राजनीतिक जटिलताओं को दर्शाते हैं। एनडीए को यह चुनौती है कि वह गठबंधन में संतुलन बनाए और सभी दलों को उचित प्रतिनिधित्व दे। वहीं, सुभासपा की स्वतंत्र चुनाव लड़ने की संभावना बिहार की राजनीतिक तस्वीर को और भी दिलचस्प बना रही है। आगामी चुनाव बिहार के लिए राजनीतिक उतार-चढ़ाव का माहौल लेकर आएंगे। Comments (0) Post Comment
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