"दूसरी शादी एक साजिश थी, तलाक के लिए दी अर्जी" — पूजा पाल ने तोड़ी चुप्पी, खोले कई राज़

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल इन दिनों सुर्खियों में हैं। हाल ही में उनकी कथित दूसरी शादी को लेकर सवाल उठे थे, जिस पर अब उन्होंने खुद चुप्पी तोड़ी है। पूजा पाल ने साफ कहा है कि दूसरी शादी महज़ एक साजिश थी, जिसके जरिए उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने तलाक के लिए अदालत में अर्जी भी दाखिल कर दी है।

 सवालों के घेरे में पूजा पाल

दरअसल कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर पूजा पाल की कथित दूसरी शादी को लेकर चर्चाएं शुरू हुईं। तस्वीरें और दावे वायरल होने लगे, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर आम लोगों तक कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। इस बीच, विरोधियों ने भी उन्हें घेरना शुरू कर दिया। सवाल उठे कि आखिर एक जनप्रतिनिधि ने बिना पारदर्शिता के दूसरी शादी क्यों की?

 इन्हीं सवालों के बीच पूजा पाल ने अब खुलकर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि पूरी कहानी के पीछे एक सुनियोजित साजिश है, जिसमें उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई।

 “झूठी कहानियों से मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश”

पूजा पाल ने कहा कि उनकी निजी जिंदगी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। “मेरी दूसरी शादी की बातें पूरी तरह से अफवाह हैं। यह मेरे खिलाफ रची गई साजिश थी ताकि मेरी छवि को नुकसान पहुंचे और मेरे राजनीतिक करियर पर असर डाला जा सके।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल कर दी है, ताकि इस मामले को विधिक रूप से खत्म किया जा सके और झूठी कहानियों पर विराम लग सके।

 राजनीति और व्यक्तिगत जीवन का टकराव

देखिए, भारतीय राजनीति में यह अक्सर देखा जाता है कि नेताओं की निजी जिंदगी को भी राजनीतिक हथियार बना लिया जाता है। पूजा पाल का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। वे कहती हैं कि उनकी निजी जिंदगी को राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने मुद्दा बना दिया है। वही राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चूँकि पूजा पाल एक सक्रिय और प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए विरोधियों ने उन्हें बदनाम करने के लिए निजी जीवन में दखल दिया। यही वजह है कि शादी और तलाक जैसी निजी बातें सार्वजनिक बहस का हिस्सा बन गईं।

 अदालत का सहारा

अब इस पुरे विवाद के बाद पूजा पाल ने कहा कि उन्होंने मामले को सुलझाने के लिए अदालत का सहारा लिया है। तलाक की अर्जी दाखिल करके वे यह संदेश देना चाहती हैं कि वे किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार हैं और सच सामने लाना चाहती हैं। उनका कहना है कि अदालत में सच्चाई सामने आ जाएगी और तब यह साफ हो जाएगा कि उनके खिलाफ जो बातें फैलाई गईं, उनका कोई आधार नहीं था।

 वही पूजा पाल की इस सफाई के बाद उनके समर्थक और परिवारजन उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। समर्थकों का कहना है कि यह सब उन्हें बदनाम करने की राजनीतिक चाल है। उनका मानना है कि पूजा पाल एक जुझारू और लोकप्रिय नेता हैं, जिन्हें झूठे आरोपों से कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

 महिलाओं के लिए संदेश

पूजा पाल का यह बयान केवल उनकी निजी सफाई नहीं है, बल्कि एक व्यापक संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि महिलाएँ अक्सर निजी जीवन से जुड़े मामलों में बदनाम करने की राजनीति का शिकार होती हैं। उन्होंने कहा, “समाज को यह समझना होगा कि एक महिला का व्यक्तिगत जीवन उसकी सार्वजनिक सेवा की क्षमता को निर्धारित नहीं करता। मुझे जनता की सेवा करनी है और मैं उसी दिशा में आगे बढ़ूंगी ”।

 सोशल मीडिया पर चर्चा

पूजा पाल के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है। कुछ लोग उनके समर्थन में उतर आए हैं और कह रहे हैं कि उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है। वहीं कुछ लोग अभी भी सवाल उठा रहे हैं और अदालत से आने वाले फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ऐसे विवाद अक्सर नेताओं की छवि को प्रभावित करते हैं, लेकिन अगर नेता मजबूती से सफाई देते हैं और सच सामने आता है, तो इसका असर उल्टा भी हो सकता है। यानी जनता सहानुभूति दिखाती है। पूजा पाल के मामले में भी ऐसा हो सकता है।

 बता दें, पूजा पाल अपने बेबाक अंदाज़ और जनता के बीच मजबूत पकड़ के लिए जानी जाती हैं। ऐसे में यह विवाद उनकी लोकप्रियता को कम करेगा या बढ़ाएगा, यह आने वाले समय में ही साफ़ हो पाएगा !

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