साध्वी प्राची का विवादित बयान: गरबा, रामलीला और वोटिंग अधिकार पर चर्चा

  • Category:

    उत्तर प्रदेश

  • Subcategory:

    Uttar Pradesh News Updates

नवरात्र के दौरान उत्तर प्रदेश के बड़ौत में पंचमुखी मंदिर में चल रही रामलीला के दौरान साध्वी प्राची ने विवादित बयान दिया। उन्होंने गरबा और रामलीला जैसे आयोजनों को लेकर अपनी राय रखी, जो सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई।

गरबा और मुस्लिम युवकों को लेकर टिप्पणी

साध्वी प्राची ने कहा कि गरबा में मुस्लिम युवक अक्सर छेड़छाड़ की घटनाओं में शामिल रहते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि गरबा वास्तव में सुरक्षित और पवित्र आयोजन है तो मुस्लिम परिवार अपनी बेटियों को इसमें क्यों नहीं भेजते।

इसके अलावा, उन्होंने सुझाव दिया कि गरबा और रामलीला जैसी सांस्कृतिक आयोजनों में प्रवेश के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होना चाहिए, ताकि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को रोका जा सके। साध्वी प्राची ने नवरात्र के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की भी वकालत की।

हिंदू संस्कृति और वोटिंग अधिकार पर टिप्पणी

साध्वी प्राची ने महाराष्ट्र के मंत्री भरत गोगावले के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदू संस्कृति की शुरुआत मस्जिदों और दरगाहों से क्यों नहीं की जाती। उन्होंने दावा किया कि हिंदू त्योहारों में घुसपैठ मुस्लिम समुदाय की पुरानी चाल है।

साथ ही, उन्होंने वोटिंग अधिकार पर भी विवादित टिप्पणी की। उनका कहना था कि ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों को वोट का अधिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने डेनमार्क का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां मुस्लिम समुदाय से वोट का अधिकार छीना गया है और ऐसा ही भारत में भी होना चाहिए।

आजम खान पर तंज

साध्वी प्राची ने राजनीतिक बयानबाजी के दौरान कांग्रेस नेता आजम खान पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अब अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

साध्वी प्राची के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि सांस्कृतिक आयोजनों और धार्मिक परंपराओं को लेकर राजनीति किस तरह संवेदनशील मुद्दा बन सकती है। उनके बयान ने सामाजिक और धार्मिक तनाव को बढ़ावा देने का भी जोखिम पैदा किया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी सांस्कृतिक आयोजन में सुरक्षा को बढ़ाना और सामाजिक समरसता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में किसी विशेष समुदाय के खिलाफ बयानबाजी केवल विवाद और असहमति को जन्म देती है।

सुरक्षा और अनुशासन आवश्यक

नवरात्र के दौरान साध्वी प्राची के बयान ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को नया आयाम दिया है। गरबा और रामलीला जैसे आयोजनों में सुरक्षा और अनुशासन आवश्यक हैं, लेकिन किसी समुदाय के खिलाफ आरोप लगाना और वोटिंग अधिकार पर विवादित सुझाव देना संवेदनशील मुद्दा है।

इस घटना ने यह भी दिखाया कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को लेकर सामाजिक सद्भाव और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान बनाए रखना कितना जरूरी है।

Comments (0)