ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
मऊ की घोसी विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक सुधाकर सिंह का गुरुवार सुबह निधन हो गया। 67 वर्ष के सुधाकर सिंह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, लेकिन बीती रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्होंने इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उनके बेटे और पूर्व ब्लॉक प्रमुख डॉ. सुजीत सिंह ने उनके निधन की पुष्टि की।
उमर अंसारी के रिसेप्शन से लौटने के बाद बिगड़ी तबीयत
जानकारी के अनुसार, सुधाकर सिंह 17 नवंबर को दिल्ली में उमर अंसारी के मैरिज रिसेप्शन में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद भी दिया। अगले ही दिन यानी 18 नवंबर की रात जब वे दिल्ली से लौटे, उनकी तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई। परिजनों ने उन्हें तुरंत मेदांता अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत पर लगातार नजर बनाए हुई थी। लेकिन गुरुवार सुबह स्थिति गंभीर हुई और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अखिलेश यादव पहुंचे अस्पताल, जताया शोक
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके निधन की सूचना मिलते ही मेदांता अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और इस कठिन समय में हिम्मत बनाए रखने की बात कही। सपा ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा— “ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दें। भावभीनी श्रद्धांजलि।”
तीन बार रहे विधायक, तेज-तर्रार छवि के लिए जाने जाते थे
सुधाकर सिंह का राजनीतिक सफर लंबा और संघर्षों से भरा रहा। वे तीन बार विधायक रहे। पहली बार वे नत्थूपुर विधानसभा से जीते, जो बाद में परिसीमन के बाद मधुबन विधानसभा बन गई। इसके बाद दो कार्यकाल उन्होंने घोसी विधानसभा से जीत दर्ज की।
उनकी पहचान एक मजबूत, बेबाक और तेज-तर्रार नेता की रही। जनता के मुद्दों पर वे किसी भी अधिकारी से सीधे भिड़ जाते थे। उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज हुए, लेकिन बाद में उन्हें सभी मामलों में जमानत मिल गई।
2022 में टिकट कटने पर लड़े निर्दलीय चुनाव
2022 विधानसभा चुनाव में सपा ने पहले सुधाकर सिंह को घोसी से टिकट दिया था, लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने टिकट काट दिया और भाजपा से आए दारा सिंह चौहान को टिकट दे दिया। यह फैसला सुधाकर सिंह के लिए बड़ा झटका था। उन्होंने हार न मानते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन दारा सिंह से हार गए।
2023 में उपचुनाव में दारा सिंह को हराया
हालांकि, किस्मत ने उन्हें जल्द ही मौका दिया। 2023 में दारा सिंह चौहान फिर भाजपा में लौट गए और अपनी विधायकी छोड़ दी। इस कारण घोसी में उपचुनाव हुआ, जहां सुधाकर सिंह ने शानदार वापसी करते हुए दारा सिंह को हरा दिया। यह जीत सपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय थी।
ढाई साल में घोसी में दूसरी बार उपचुनाव
उनके निधन के बाद अब घोसी विधानसभा सीट 6 महीने के भीतर फिर उपचुनाव के लिए जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि 18वीं विधानसभा में यही एक सीट है जहां ढाई साल के भीतर दो बार उपचुनाव होने जा रहे हैं।
परिवार और समर्थकों में शोक की लहर
सुधाकर सिंह के परिवार में पत्नी और बेटा डॉ. सुजीत सिंह शामिल हैं। उनका अंतिम संस्कार घोसी स्थित पैतृक गांव में किया जाएगा। वहां नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भारी जमावड़ा शुरू हो गया है। उनके निधन से न सिर्फ घोसी क्षेत्र बल्कि सपा संगठन में भी बड़ी कमी महसूस की जा रही है।
Comments (0)
No comments yet. Be the first to comment!