ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
कानपुर
के अरौल इलाके में मंगलवार तड़के एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। दिल्ली के आनंद
विहार से बिहार के सिवान जा रही तेज रफ्तार स्लीपर बस अचानक डिवाइडर पर चढ़कर पलट गई।
हादसे में 5 साल के मासूम अनुराग समेत 3 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 6 बच्चों समेत
25 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसा सुबह करीब 3:20 बजे हुआ, जब ज्यादातर यात्री गहरी
नींद में थे। बस BR21P9389 में कुल 45 यात्री सवार थे।
एक
पिता का टूटा संसार
हादसे
की सबसे दर्दनाक तस्वीर उस समय सामने आई जब 5 साल के अनुराग का पिता अपनी छोटी बच्ची
को गोद में लिए अस्पताल में दौड़ता रहा। वह बार-बार अपने बेटे को देखने की जिद करता
रहा। अंत में जब पुलिस उसे बच्चे की लाश के पास ले गई, तो वह नज़ारा देखकर उसके पैरों
तले ज़मीन खिसक गई। मासूम का सिर धड़ से अलग था। पिता घुटनों के बल गिर पड़ा और फूट-फूट
कर रोने लगा।
आसपास
मौजूद हर शख्स उस पिता के दर्द से भर उठा। बच्चे की मां गुड़िया का पैर कट चुका है
और वह आईसीयू में भर्ती है। पिता अजय को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन उनका मन पूरी तरह
बिखर चुका है।
बस
50 फीट तक घिसटती चली गई
घायलों
ने बताया कि अचानक एक जोरदार झटका लगा और बस नियंत्रण खोकर डिवाइडर पर चढ़ गई। तेज
स्पीड की वजह से बस लगभग 50 फीट तक एक्सप्रेस-वे पर घिसटती चली गई। हादसे के बाद बस
के अंदर चीख-पुकार मच गई। कई यात्री सीटों के बीच फंस गए। 100 मीटर तक बस के शीशे और
पार्ट्स सड़क पर बिखरे पड़े थे। सन्नाटा होने के कारण काफी देर तक किसी को हादसे का
पता ही नहीं चला। बाद में राहगीरों ने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने बस के शीशे तोड़कर
और सीटें काटकर घायलों को बाहर निकाला।
ड्राइवर
पर नशे में होने के आरोप
एक
यात्री पवन कुमार, जो अपनी आगामी शादी के लिए घर जा रहे थे, ने बताया कि बस कई बार
लहरा रही थी। उन्होंने ड्राइवर से रुक कर आराम करने को कहा, लेकिन उसने रास्ता खराब
होने का बहाना बनाकर बात टाल दी। कई यात्रियों ने कहा कि ड्राइवर को नशा हुआ लग रहा
था। हादसे के बाद ड्राइवर और क्लीनर मौके से फरार हो गए।
मृतकों
की पहचान
इस
हादसे में 3 लोगों की मौत हुई:
- अनुराग (5 वर्ष) पुत्र अजय, निवासी शिवांग,
बिहार
- नसीम आलम (20 वर्ष) पुत्र सुहेल अहमद, बिहार
- शशि कुमार (26 वर्ष) पुत्र धर्मेंद्र गिरी,
पश्चिम बंगाल
घायलों
को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई की हालत गंभीर है।
पुलिस
और प्रशासन की कार्रवाई
अरौल
इंस्पेक्टर जनार्दन यादव ने बताया कि बस के अंदर फंसे लोगों को निकालने में कठिनाई
हुई, लेकिन पुलिस टीम ने शीशे और सीटें काटकर घायलों को बाहर निकाला।
डीएम
जितेंद्र प्रताप सिंह ने हैलट अस्पताल पहुंचकर सभी घायलों का हाल जाना और डॉक्टरों
को बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीड़ितों को हर संभव सहायता का भरोसा
भी दिलाया।
यात्रियों
ने जताई नाराजगी
कुछ
यात्रियों ने बताया कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार पुलिस को फोन किया, लेकिन मदद
पहुंचने में करीब 40 मिनट लग गए। इस दौरान घायल यात्री दर्द से तड़पते रहे।
यह हादसा एक परिवार का संसार उजाड़ गया और कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल गया। तेज रफ्तार और लापरवाही ने कई जिंदगियाँ खतरे में डाल दीं। अब सवाल यह है कि क्या बस ड्राइवर की लापरवाही और नशे में ड्राइविंग की पुष्टि होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके?
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