मिर्जापुर ट्रेन हादसा: कालका एक्सप्रेस की चपेट में आईं 6 महिलाएं

  • Category:

    उत्तर प्रदेश

  • Subcategory:

    Uttar Pradesh News Updates

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के चुनार रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह एक भयावह हादसा हो गया। कालका एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से छह महिलाओं की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा इतना भयानक था कि कुछ ही सेकंड में पूरा प्लेटफॉर्म चीखों से गूंज उठा।

 यह दर्दनाक घटना सुबह करीब 9:30 बजे हुई, जब स्टेशन पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भारी भीड़ थी। श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए जा रहे थे, लेकिन यह सफर कई परिवारों के लिए आखिरी बन गया।

 

कैसे हुआ हादसा?

 जानकारी के अनुसार, चोपन से आने वाली पैसेंजर ट्रेन चुनार स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर पहुंची। भीड़ अधिक होने के कारण कुछ श्रद्धालु प्लेटफॉर्म की बजाय दूसरी तरफ ट्रैक पर उतर गए। ठीक उसी समय, कालका एक्सप्रेस ट्रेन दूसरे ट्रैक से तेज रफ्तार में गुज़र रही थी।

 कालका एक्सप्रेस का चुनार स्टेशन पर कोई स्टॉपेज नहीं था, इसलिए ट्रेन लगभग 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर रही थी। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही 7-8 श्रद्धालु ट्रेन की चपेट में गए। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।

 

हादसे के बाद भयावह दृश्य

 जब ट्रेन गुजर गई, तो रेलवे ट्रैक पर लाशें और शवों के टुकड़े बिखरे पड़े थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना इतनी तेज़ी से हुई कि किसी को कुछ समझने या बचने का मौका ही नहीं मिला।

 रेलवे कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शवों को बैग में भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। बताया जा रहा है कि शवों के टुकड़े 50 मीटर तक फैले हुए थे। इस दर्दनाक नज़ारे को देखकर वहां मौजूद लोग रो पड़े।

 

मृतकों की पहचान और उनका सफर

 GRP (Government Railway Police) ने छह महिलाओं की मौत की पुष्टि की है। मरने वालों की पहचान इस प्रकार है:

 

सविता (28 वर्ष) पत्नी राजकुमार

साधना (15 वर्ष) पुत्री विजय शंकर

शिवकुमारी (17 वर्ष) पुत्री विजय शंकर

अंजू देवी (20 वर्ष) पुत्री श्यामा प्रसाद

सुशीला देवी (60 वर्ष)

कलावती देवी (50 वर्ष) पत्नी जनार्दन यादव

 इनमें सविता और साधना सगी बहनें थीं। सभी महिलाएं मिर्जापुर और सोनभद्र की रहने वाली थीं और गंगा घाट पर स्नान के लिए जा रही थीं।

 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया हादसे का मंजर

 एक प्रत्यक्षदर्शी भागीरथी ने बताया — “हम लोग खमरिया से बालू घाट गंगा स्नान के लिए निकले थे। जैसे ही ट्रेन से उतरे, दूसरी पटरी से कालका एक्सप्रेस गई। लोग चिल्लाने लगे लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।

 कई यात्रियों ने यह भी कहा कि इतनी भारी भीड़ के बावजूद ट्रेन को धीमी रफ्तार में नहीं गुजारा गया, जो प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।

 

प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

 हादसे की खबर मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और अधिकारियों को तुरंत राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और सरकार की ओर से आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।

 राज्य मंत्री संजीव गौड़ और डीएम पवन गंगवार मौके पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों से मुलाकात कीमंत्री ने कहा कि प्लेटफॉर्म बदलने या सुरक्षा में लापरवाही की जांच की जाएगी।

 

हादसा पूरे प्रदेश को झकझोर गया

 कार्तिक पूर्णिमा जैसे पवित्र अवसर पर हुआ यह हादसा पूरे प्रदेश को झकझोर गया। श्रद्धालु जहां गंगा में स्नान कर पुण्य कमाने निकले थे, वहीं कुछ ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया।

 यह हादसा रेलवे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े करता हैक्या भीड़भाड़ वाले अवसरों पर ट्रेन की रफ्तार नियंत्रित नहीं की जानी चाहिए? क्या श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए गए थे? जवाब जो भी हो, लेकिन इस त्रासदी ने कई परिवारों को शोक में डुबो दिया है।

 

Comments (0)