उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर-खीरी के एक गांव का नाम बदलने की घोषणा की है। अब तक मुस्तफाबाद के नाम से जाना जाने वाला यह गांव अब “कबीरधाम” कहलाएगा। सीएम योगी ने खुद मंच से जनता को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया और कहा कि गांव की पहचान को उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्वरूप से जोड़ा जाएगा। मुस्तफाबाद अब बनेगा कबीरधाम लखीमपुर-खीरी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब उन्होंने इस गांव के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि गांव का नाम तो मुस्तफाबाद है, लेकिन यहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता। उन्होंने कहा, “जब गांव में मुस्लिम आबादी नहीं है तो नाम मुस्तफाबाद क्यों? अब इसका नाम बदलकर कबीरधाम रखा जाएगा।” सीएम योगी ने यह भी बताया कि सरकार जल्द ही प्रस्ताव भेजकर नाम परिवर्तन की औपचारिक प्रक्रिया पूरी करेगी ताकि आगे सभी सरकारी रिकॉर्ड में गांव को कबीरधाम के नाम से दर्ज किया जा सके। “पहचान मिटाने की साजिशें हुई थीं” — योगी आदित्यनाथ सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि पहले की सरकारों ने धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान मिटाने का काम किया था। उन्होंने कहा, “उन लोगों ने अयोध्या को फैजाबाद, प्रयागराज को इलाहाबाद और कबीरधाम को मुस्तफाबाद बनाया। लेकिन अब हमारी सरकार इन्हें उनके असली गौरव से जोड़ रही है।” योगी ने कहा कि पहचान मिटाना किसी समुदाय या क्षेत्र की आत्मा को खत्म करने जैसा है। उन्होंने इसे “सेकुलरिज़्म के नाम पर पाखंड” बताया और कहा कि अब इस पाखंड से मुक्त होना जरूरी है। हर तीर्थस्थल को सुंदर और सुविधाजनक बनाया जाएगा सीएम योगी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि प्रदेश के हर धार्मिक स्थल और तीर्थ स्थान को सुंदर और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार पर्यटन और संस्कृति विभाग के ज़रिए आस्था स्थलों के विकास पर तेजी से काम कर रही है। योगी ने कहा, “हम काशी, अयोध्या, कुशीनगर, नैमिषारण्य, मथुरा-वृंदावन, बरसाना, गोकुल और गोवर्धन जैसे स्थलों को फिर से जीवंत बना रहे हैं। हर जगह श्रद्धालुओं के लिए अतिथि गृह और विश्रामालय जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।” स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल सीएम योगी की इस घोषणा के बाद स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने कहा कि गांव का नाम “कबीरधाम” होना उनके लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह संत कबीर के विचारों और भारतीय संस्कृति से जुड़ा नाम है। गांव के एक बुजुर्ग निवासी ने कहा, “हमारे बच्चों को अब गर्व से कहने को मिलेगा कि वे कबीरधाम के रहने वाले हैं।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह घोषणा सिर्फ एक नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने का प्रयास मानी जा रही है। मुस्तफाबाद का कबीरधाम बनना इस बात का प्रतीक है कि सरकार ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों को फिर से सम्मान देने की दिशा में काम कर रही है। Comments (0) Post Comment
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