ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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वाराणसी में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक सामने आई। एक शराबी युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर सीएम के मंच के पास पहुंच गया। जैसे ही युवक मंच की ओर बढ़ा, कमांडो तुरंत उस पर झपट्टा मारकर उसे दबोच लिया।
युवक की पहचान और मानसिक स्थिति
पकड़े गए युवक का नाम जोगिंदर गुप्ता है। ACP विदूष सक्सेना ने बताया कि पूछताछ में यह पता चला कि युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उसका इलाज चल रहा है। जोगिंदर की मां कुसुम गुप्ता ने कहा कि बेटे को पहले नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां से छुट्टी मिलने के बाद उसने फिर से शराब पीना शुरू कर दिया। वर्तमान में वह पानी बेचने का काम करता है और परिवार भी उससे परेशान है।
कमांडो ने पलक झपकते ही युवक को पकड़ लिया और कोई बड़ा हादसा होने से बचा लिया। इस घटना के बावजूद सीएम योगी ने रिमोट के जरिए ‘काशी-तमिल संगमम 4.0’ का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम का महत्व और उद्घाटन
नमो घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के. कैलासनाथन मौजूद थे। कार्यक्रम मंगलवार से शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलेगा और इसमें लगभग 1,400 प्रतिनिधि शामिल होंगे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य तमिल भाषा और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना है। ‘तमिल करकलाम’ यानी ‘आइए तमिल सीखें’ थीम पर आधारित इस संगमम में तमिल भाषा को केंद्र में रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उत्सव की शुरुआत 2022 में की थी, और इसके पहले तीन संस्करण क्रमशः 2022, 2023 और 2025 में आयोजित हुए थे।
प्रतिनिधियों का स्वागत और उत्सव की रंगत
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छात्र, शिक्षक और लेखक वाराणसी पहुंचे। स्वागत के लिए बनारस स्टेशन पर रेड कारपेट बिछाया गया, पुष्प वर्षा की गई और प्रतिनिधियों को माला पहनाकर अभिनंदन किया गया। डमरू और नगाड़े की धुन पर कुछ प्रतिनिधि नाचते हुए भी दिखाई दिए।
सीएम योगी ने तमिलनाडु से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने का प्रयास है। उन्होंने यह भी बताया कि काशी और तमिल संस्कृति के बीच संबंध भगवान शिव के माध्यम से जुड़ा है और इसे आदि शंकराचार्य जी ने आगे बढ़ाया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री का संदेश
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को हर साल व्यक्तिगत रूप से इस आयोजन को देखने के लिए पत्र भेजा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। भाषा कोई बाधा नहीं है, और यह आयोजन ज्ञान, संस्कृति और भाषा के माध्यम से देश की एकता को मजबूत करता है।
वाराणसी में सीएम की सुरक्षा में हुई चूक एक गंभीर घटना थी, लेकिन कमांडो की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। इसके बावजूद ‘काशी-तमिल संगमम 4.0’ का उद्घाटन सफलतापूर्वक हुआ और तमिल भाषा व संस्कृति का महत्व दर्शकों और प्रतिनिधियों के सामने उजागर हुआ। यह कार्यक्रम केवल भाषा और संस्कृति का उत्सव नहीं है, बल्कि यह देश की एकता और सांस्कृतिक समरसता को भी प्रदर्शित करता है।
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