विधान परिषद शिक्षक और स्नातक सीटों के लिए भाजपा की तैयारी तेज

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उत्तर प्रदेश में दिसंबर 2026 में विधान परिषद की शिक्षक एवं स्नातक क्षेत्र की 11 सीटों पर चुनाव होना है। इनमें से 6 सीटें वर्तमान में भाजपा के पास हैं, जबकि 3 सीटें सपा के कब्जे में हैं। 1 सीट शिक्षक दल (गैर राजनीतिक) के पास और 1 सीट पर निर्दलीय सदस्य हैं। ये चुनाव विधानसभा चुनाव से ठीक पहले होने वाले हैं, इसलिए राजनीतिक माहौल और वोटर ट्रेंड्स के लिए ये महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

 राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि शिक्षक और स्नातक वर्ग के मतदाता सोच-समझकर और मौके की नजाकत को देखते हुए मतदान करते हैं। इसलिए इन चुनावों के परिणाम 2027 विधानसभा चुनाव में हवा का रुख स्पष्ट कर सकते हैं।

 

भाजपा की रणनीति

 भाजपा ने 6 मौजूदा सदस्यों को फिर से मौका देने का फैसला किया है। केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने उन्हें चुनावी तैयारी शुरू करने के संकेत दे दिए हैं।

 वहीं, 5 सीटों पर पार्टी मजबूत प्रत्याशी तलाशने में लगी हुई है। भाजपा का लक्ष्य मौजूदा 6 सीटों पर कब्जा बरकरार रखना और सपा के कब्जे वाली 3 सीटों पर भी जीत दर्ज करना है।

 

सपा और कांग्रेस की तैयारी

 सपा ने अपनी 10 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान कर दिया है।

 

  •  मिर्जापुर-वाराणसी शिक्षक खंड: लाल बिहारी यादव
  •  इलाहाबाद-झांसी स्नातक खंड: मान सिंह यादव
  • वाराणसी-मिर्जापुर स्नातक खंड: आशुतोष सिन्हा
  •  गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक खंड: कमलेश
  •  लखनऊ स्नातक खंड: कांति सिंह
  •  मेरठ-सहारनपुर स्नातक सीट: प्रमेंद्र भाटी
  •  आगरा-अलीगढ़ खंड: डॉ. प्रकाश चंद्र गुप्ता
  •  बरेली-मुरादाबाद खंड: हाजी मोहम्मद दानिश अख्तर
  •  आगरा खंड: शशांक यादव
  •  मेरठ-गाजियाबाद खंड: नितिन कुमार तोमर

 

कांग्रेस ने 5 प्रत्याशी घोषित किए हैं। वहीं, बसपा ने अभी तक कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर पार्टी किसी विशेष सीट पर उम्मीदवार खड़ा कर सकती है।

 

भाजपा के प्रमुख प्रत्याशी और उनकी पकड़

 

  1.  इंजीनियर अवनीश सिंह पटेल - लखनऊ स्नातक खंड से, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के करीबी, कुर्मी समाज में मजबूत पकड़।
  2.  डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह गुरुजी - आगरा स्नातक क्षेत्र, ABVP से राजनीति की शुरुआत, ब्रज क्षेत्र में भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष।
  3.  दिनेश कुमार गोयल - मेरठ-सहारनपुर स्नातक खंड, वित्त विहीन शिक्षकों के नेता।
  4. हरी सिंह ढिल्लो - बरेली-मुरादाबाद शिक्षक वर्ग, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के समधी, सिख-जाट सिख समुदाय में मजबूत पकड़।
  5.  उमेश कुमार द्विवेदी - लखनऊ शिक्षक क्षेत्र, वित्त विहीन शिक्षक वर्ग में प्रभावशाली।

श्रीचंद शर्मा - मेरठ शिक्षक खंड, लगातार दसवीं बार परिषद सदस्य।

 

चुनौतीपूर्ण सीटें

 

  • ध्रुव कुमार त्रिपाठी - गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक खंड में भाजपा के सामने चुनौती हैं। 2019 में शिक्षकों ने उनकी ओर मतदान किया था, लेकिन परिषद में उन्होंने समय-समय पर विरोध किया। भाजपा इस सीट पर मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय सिंह को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। 
  • वाराणसी सीटें - पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भाजपा का लक्ष्य 2019 का हिसाब बराबर करना है। वाराणसी-मिर्जापुर स्नातक खंड में आशुतोष सिन्हा और वाराणसी-मिर्जापुर शिक्षक खंड में लाल बिहारी यादव के खिलाफ भाजपा को मजबूत प्रत्याशी की तलाश है।

 

चुनाव की तैयारी और कमान

 भाजपा ने विधान परिषद शिक्षक-स्नातक चुनाव की प्रचार और रणनीति की कमान प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सदस्य अमरपाल मौर्य को सौंपी है। उनके साथ संजय राय, त्रयंबक त्रिपाठी और शंकर गिरी भी टीम का हिस्सा हैं।

 भाजपा का उद्देश्य मौजूदा सीटों पर कब्जा बरकरार रखना और विपक्षी सीटों पर भी जीत दर्ज करना है। पार्टी अपनी मजबूत पकड़ वाले उम्मीदवारों के जरिए शिक्षक और स्नातक वर्ग में समर्थन बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

 

राजनीतिक प्रभाव

 उत्तर प्रदेश विधान परिषद के शिक्षक और स्नातक चुनाव 2026 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले होने जा रहे हैं। यह चुनाव केवल सीटों की संख्या तय करेगा, बल्कि भाजपा, सपा और कांग्रेस के राजनीतिक प्रभाव का भी संकेत देगा।

 भाजपा ने मौजूदा सदस्यों को फिर से मौका दिया है और रणनीति के तहत विपक्षी सीटों पर भी दावेदारी मजबूत कर रही है। इन चुनावों के परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव की दिशा तय कर सकते हैं और शिक्षक-स्नातक वर्ग में राजनीतिक झुकाव का संकेत देंगे।

 

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