ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक क्षेत्र में मंगलवार सुबह आग का भीषण तांडव देखने को मिला। इकोटेक-3 थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी कंपनी की बिल्डिंग में अचानक आग लग गई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग की लपटें और धुएं का गुबार कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रहा था। इस घटना में करोड़ों रुपये का माल जलकर खाक होने का अनुमान है, लेकिन गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
कैसे लगी आग?
दमकल अधिकारियों के अनुसार, आग सबसे पहले एक गोदाम में लगी जहां कूलर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले
गत्ते के बक्से रखे हुए थे । ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण आग तेजी से फैली और
उसने पास की कूलर बनाने वाली यूनिट को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद आग दो और
गोदामों और एक टेडी बियर बनाने वाली फैक्ट्री तक फैल गई , जिससे
स्थिति और भी भयानक हो गई।
दमकल विभाग का बड़ा ऑपरेशन
आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की गाड़ियां
तुरंत मौके पर पहुंचीं। आग की भयावहता को देखते हुए नोएडा के अलावा हापुड़, गाजियाबाद और बुलंदशहर से भी फायर टेंडर बुलाए गए। कुल मिलाकर 35 दमकल गाड़ियों ने लगभग छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और
कूलिंग का काम जारी है।
कितना हुआ नुकसान?
हालांकि आग में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, जो सबसे बड़ी राहत की बात है, लेकिन आर्थिक नुकसान
बहुत बड़ा हुआ है। आग की चपेट में आई फैक्ट्री और गोदाम पूरी तरह से जलकर खाक हो
गए हैं। अंदर रखा कच्चा और तैयार माल, मशीनरी और बिल्डिंग को
मिलाकर करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। फैक्ट्री मालिकों के
लिए यह एक बहुत बड़ा झटका है।
क्या सुरक्षा नियमों का हुआ उल्लंघन?
इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों में
अग्नि सुरक्षा के नियमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और दमकल विभाग अब इस बात
की जांच कर रहे हैं कि क्या प्रभावित इकाइयों के पास उचित फायर सेफ्टी क्लीयरेंस (NOC) थी या नहीं । अक्सर देखा जाता है कि फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों की
अनदेखी की जाती है, जो इस तरह की बड़ी घटनाओं का कारण बनती
है। जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि इस मामले में कोई लापरवाही हुई थी या नहीं।
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