सुप्रीम कोर्ट ने निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है। फैसले के बाद सेक्टर-31 की खूनी कोठी के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। पीड़ित परिवारों के ज़ख्म फिर से हरे हो गए।10 साल की बच्ची ज्योति की मां सुनीता जब फैसला सुनकर फफक पड़ीं, तो माहौल भावुक हो गया। उन्होंने कहा, "अब न्याय की उम्मीद सिर्फ भगवान से है।"निठारी के पीड़ितों का फूटा गुस्सासुप्रीम कोर्ट ने CBI और यूपी सरकार की याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा। इससे पीड़ित परिवारों को बड़ा झटका लगा।ज्योति के पिता झब्बू लाल बोले, ‘19 साल बाद भी हमें इंसाफ नहीं मिला। अगर कोली और पंढेर निर्दोष हैं, तो फिर हमारी बेटियों की हड्डियां नाले में किसने फेंकी?’उन्होंने ये भी बताया कि जब पहली बार जांच शुरू हुई थी, तो दोनों ने थाने में उनके पैर पकड़ कर कहा था, "हमसे गलती हो गई, माफ कर दो।" अब वही लोग बरी कर दिए गए।निठारी कांड की पूरी कहानी2004 से निठारी गांव में बच्चे लापता होने लगे थे। सेक्टर-20 थाने में शिकायत की जाती रही, मगर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।जब पायल नाम की युवती भी गायब हुई, तो उसके पिता नंदलाल ने डी-5 कोठी के मालिक मोनिंदर पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली पर शक जताया।पुलिस ने न सिर्फ कार्रवाई से इनकार किया, बल्कि नंदलाल पर ही गंभीर आरोप मढ़ दिए। मजबूरी में उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर फिर से जांच शुरू हुई।29 दिसंबर को पुलिस ने कोली को गिरफ्तार कर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की, तब कोली ने कबूल किया कि उसने कई बच्चों की हत्या की और उनके कंकाल कोठी के नाले में फेंके। इसके बाद कोठी से एक के बाद एक 19 बच्चों के कंकाल बरामद हुए।आज भी वीरान पड़ी है खूनी कोठीआज निठारी की वो D-5 की कोठी एक खंडहर बन चुकी है। वहां अब सन्नाटा पसरा रहता है। कोठी में खड़ी कार धूल से ढक चुकी है और बाहर झाड़ियां उग आई हैं।जो जगह किसी ज़माने में बच्चों की चीखों से गूंजती थी, आज वहां कोई झांकने तक नहीं जाता।इन बच्चों की हुई थी हत्या (नामों की लिस्ट)रचनारिम्पा हलधरकु. बीनापायलज्योतिहर्षकु. निशापुष्पा विश्वाससतेन्द्र उर्फ मैक्सदीपालीनंदा देवीपिंकी सरकारदीपिका उर्फ पायलशेख रजा खानसोनीअंजलीआरतीएक अज्ञात युवतीबहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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