ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
नोएडा में इस बार छठ महापर्व बड़ी ही श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया। सोमवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ देने के बाद मंगलवार सुबह व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ अर्पित कर चार दिन तक चलने वाले इस व्रत का समापन किया। घाटों पर “कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…” जैसे पारंपरिक छठ गीतों की गूंज माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना रही थी।
चार दिनों
तक चला
पवित्र व्रत
छठ पूजा की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से होती है। इसके बाद ‘खरना’ की पूजा होती है, जिसमें प्रसाद बनाकर घर के सभी लोग उसे ग्रहण करते हैं। खरना के बाद व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। इस दौरान वे अन्न और जल ग्रहण नहीं करतीं। सोमवार को सभी व्रती घरों से नहा-धोकर पूजा सामग्री लेकर घाटों पर पहुंचे और डूबते सूर्य को अर्घ दिया। मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ अर्पित कर व्रत पूरा किया गया।
नोएडा में
सजे 18 से
अधिक छठ
घाट
नोएडा प्रशासन और प्राधिकरण की ओर से शहर में करीब 18 प्रमुख छठ घाटों की विशेष व्यवस्था की गई थी। छिजारसी, चोटपुर कॉलोनी, सलारपुर, बहलोलपुर, भंगेल और कुलेसरा जैसे इलाकों में घाट बनाए गए। सबसे ज्यादा भीड़ नोएडा स्टेडियम में रही, जहां दोपहर 2 बजे से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। सूरज ढलने से एक घंटे पहले व्रती महिलाएं जल में खड़ी होकर सूर्य देव की पूजा करती दिखीं।
सोसाइटियों
में भी
दिखा श्रद्धा
का उत्सव
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और नोएडा वेस्ट की कई सोसाइटियों में कृत्रिम तालाब और स्विमिंग पूल को छठ घाट की तरह सजाया गया था। सेक्टर-75 की गोल्फ सिटी, पंचशील प्रतिष्ठा और सेक्टर-119 की एल्डिगो सोसाइटी में महिलाओं ने बड़ी आस्था से भगवान भास्कर को अर्घ दिया। इस दौरान बच्चों ने आतिशबाजी कर माहौल को उत्सवमय बना दिया। हर सोसाइटी में “छठी मइया के गीत” गूंजते रहे।
महिलाओं ने
बताया—मन्नतों
और आस्था
का पर्व
नोएडा स्टेडियम पर पूजा करने आईं कई महिलाओं ने बताया कि छठ पूजा सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि मन्नतों और आस्था का प्रतीक है। यह पर्व सूर्य उपासना और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक माना जाता है। कई महिलाएं बताती हैं कि वे हर साल मन्नत पूरी होने के बाद इस व्रत को करती हैं। एक व्रती महिला ने कहा, “छठी मइया हमारे घर की सुख-शांति की रक्षा करती हैं। जो भी मन में मन्नत होती है, वह जरूर पूरी होती है।”
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