नोएडा में सोशल मीडिया पर इन दिनों एक फर्जी वीडियो ने खूब सुर्खियां बटोरीं। वीडियो में दावा किया गया कि एक आइसक्रीम बेचने वाले युवक को 1.8 करोड़ रुपये सालाना पैकेज पर नौकरी मिली है और उसे IIMT कॉलेज का छात्र पुनीत गौतम बताया गया। यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया और लाखों लोगों तक पहुंच गया। लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो पता चला कि यह कहानी पूरी तरह से मनगढ़ंत थी। वायरल वीडियो की हकीकत दरअसल, वायरल हुए इस वीडियो में एक युवक ने सड़क किनारे लगे IIMT के होर्डिंग की ओर इशारा करते हुए तंज कसता है कि पुनीत को इतना बड़ा पैकेज मिला, लेकिन वह अभी भी आइसक्रीम बेच रहा है। वीडियो में मजाकिया अंदाज में कहा गया, “IIMT का फ्रॉड, फोटो के लिए कितना पैसा लिया?” और “फोटो फ्री में खिंचवाया, लेकिन कुछ दिया नहीं।” जिसके बाद इस भावुक कहानी ने सोशल मीडिया पर लोगों को छू लिया और वीडियो तेजी से वायरल होने लगा। IIMT कॉलेज की शिकायत वही वीडियो वायरल होने के बाद जब यह मामला IIMT कॉलेज प्रशासन तक पहुंचा, तो उन्होंने तुरंत इसका संज्ञान लिया। कॉलेज ने साफ कहा कि इस तरह का कोई भी छात्र उनके यहां से नहीं है और न ही किसी को इतना बड़ा पैकेज मिला है। कॉलेज प्रशासन ने इसे संस्थान की साख के साथ खिलवाड़ बताते हुए नोएडा पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। यूट्यूबर निकला मास्टरमाइंड पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि यह वीडियो एक यूट्यूबर ने बनाया था। उसने सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रियता हासिल करने और व्यूज़ बढ़ाने के लिए यह फर्जी कहानी गढ़ी। पुलिस ने आरोपी युवक को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली और माफी भी मांगी। उसने कहा “मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना या कॉलेज की छवि खराब करना नहीं था। मैं अपनी गलती के लिए माफी मांगता हूं और भविष्य में ऐसी हरकत नहीं करूंगा।” जिसके बाद नोएडा पुलिस ने युवक के खिलाफ IPC की धारा 351(2) (मानहानि) और IT एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया है। वही नोएडा पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जांचें। फेक वीडियो बनाने या शेयर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर बहस वही इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने यूट्यूबर की हरकत को गैरजिम्मेदाराना बताया और कहा कि इस तरह की फेक स्टोरी से न केवल समाज गुमराह होता है बल्कि संस्थानों की छवि भी खराब होती है। वहीं कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि आजकल वायरल होने की होड़ में कंटेंट क्रिएटर्स बिना सोचे-समझे कुछ भी कर रहे हैं, जिससे गलत संदेश फैल रहा है। बहरहाल, नोएडा की यह घटना सोशल मीडिया के मौजूदा दौर की एक बड़ी सच्चाई को उजागर करती है। फॉलोअर्स और व्यूज़ की लालच में कंटेंट क्रिएटर्स अक्सर ऐसी हरकतें कर बैठते हैं, जिनसे समाज गुमराह होता है। यह मामला सबक है कि लोकप्रियता पाने का सबसे टिकाऊ तरीका ईमानदारी और असली कहानियों से जुड़ा कंटेंट है, न कि झूठे दावे। Comments (0) Post Comment
जापान यात्रा पर पीएम मोदी: हिंद-प्रशांत में शांति और साझेदारी को मिलेगा नया आयाम Aug 26, 2025 Read More
आरएसएस गीत विवाद पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का माफीनामा, बोले – “मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं” Aug 26, 2025 Read More
आरएसएस गीत विवाद पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का माफीनामा, बोले – “मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं” Aug 26, 2025
बांग्लादेश बोला- पाकिस्तान 1971 जनसंहार पर मांगे माफी; पाक मंत्री बोले- दो बार मांग चुके Aug 25, 2025