हरियाणा सीमा से सटे गांवों में किसानों को उनकी जमीन के स्वामित्व की पुष्टि करने के लिए नोएडा प्रशासन ने ऐतिहासिक पहल की है। Newsest की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रक्रिया के तहत, किसानों को स्वामित्व पर्चियां सौंपी जा रही हैं, जिससे उनकी भूमि पर कानूनी दावे को सशक्त बनाया जा सके।क्या है स्वामित्व योजना? नोएडा के हरियाणा सीमा से सटे गांवों में भूमि विवाद और स्वामित्व के मुद्दे लंबे समय से चुनौती बने हुए थे। सरकार ने इन समस्याओं को हल करने और भूमि मालिकों को अधिकार देने के लिए यह अभियान शुरू किया है। इस पहल के तहत, किसान अपनी जमीन पर अधिकार के प्रमाण के रूप में स्वामित्व पर्चियां प्राप्त करेंगे।किसानों के लिए ऐतिहासिक पहलनोएडा प्रशासन के इस कदम से न केवल भूमि मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि गांवों में विकास परियोजनाओं की रफ्तार भी बढ़ेगी।"यह कदम किसानों के अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ गांवों के समग्र विकास में योगदान देगा," एक अधिकारी ने न्यूज़ेस्ट को बताया।भूमि विवादों का समाधानहरियाणा सीमा पर बसे गांवों में अक्सर भूमि स्वामित्व को लेकर विवाद होते रहे हैं। इस नई प्रक्रिया के तहत, डिजिटलीकरण और भौगोलिक सर्वेक्षण के माध्यम से सटीक और पारदर्शी तरीके से भूमि का रिकॉर्ड तैयार किया गया है।किसानों का स्वागतकई किसानों ने इस पहल की सराहना की है। "पहली बार हमें हमारी जमीन पर हमारा अधिकार मिला है। अब हमें विकास कार्यों के लिए बाधाएं नहीं झेलनी पड़ेंगी," एक किसान ने कहा।आर्थिक और सामाजिक प्रभावयह पहल सिर्फ भूमि विवादों को खत्म करने तक सीमित नहीं है। यह कदम किसानों के आर्थिक हालात को भी बेहतर बनाएगा। अब वे अपनी जमीन को कानूनी रूप से बैंकों में गिरवी रख सकते हैं और विकास कार्यों के लिए फंड प्राप्त कर सकते हैं।न्यूज़ेस्ट की रिपोर्ट नोएडा प्रशासन का यह कदम क्षेत्रीय विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। भूमि स्वामित्व पर्चियों का वितरण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा और गांवों में शांति व स्थिरता सुनिश्चित करेगा। Comments (0) Post Comment
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