ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
SIR अभियान और टीचर्स पर दोहरी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश में इस समय मतदाता सूची पुनरीक्षण
(SIR) का काम तेज़ी से चल रहा है, जिसमें बूथ लेवल ऑफिसर्स यानी BLO
की
महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अक्सर यह जिम्मेदारी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर भी
डाल दी जाती है, जिससे उन पर दोहरी ड्यूटी का दबाव बनता है।
कौन हैं पिंकी सिंह और उनकी पोस्टिंग कहां थी?
मिली जानकारी के अनुसार, महिला अध्यापिका
का नाम पिंकी सिंह है, जो नोएडा के सेक्टर-94 स्थित गेझा के
उच्च प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें सेक्टर-33 के
रॉकवुड स्कूल में मतदान केंद्र का BLO बनाया गया था।
हेल्थ इश्यू और पारिवारिक दबाव
रिपोर्ट के अनुसार, पिंकी सिंह
थायरॉयड की बीमारी से जूझ रही हैं और घर में भी पारिवारिक परेशानियां हैं। इन सबके
बीच उन्हें शिक्षिका का रेगुलर काम और बीएलओ की फील्ड ड्यूटी दोनों संभालने में
काफी दिक्कत हो रही थी।
इस्तीफा पत्र में क्या लिखा?
पिंकी सिंह के इस्तीफे में उन्होंने साफ लिखा
कि उनका BLO पार्ट नंबर 206 है और उनकी
जिम्मेदारी वाले मतदान स्थल का नाम रॉकवुड स्कूल है। उन्होंने बताया कि उनके भाग
संख्या में कुल 1179 मतदाता हैं, जिनमें से 215
मतदाताओं का ऑफलाइन डेटा वे पहले ही फीड कर चुकी हैं।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब गौतमबुद्ध
नगर में SIR का काम तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है और
लापरवाही पर BLO और सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनियां
भी दी जा रही हैं। ऐसे माहौल में शिक्षक और फील्ड स्टाफ खुद को लगातार दबाव में
महसूस कर रहे हैं।
शिक्षकों की लगातार शिकायतें
यूपी समेत कई राज्यों में लंबे समय से शिक्षकों
की यह शिकायत रही है कि उन्हें चुनाव ड्यूटी, जनगणना, सर्वे,
पोलियो
ड्राइव, राशन सर्वे जैसे कई अतिरिक्त कामों में लगा दिया जाता है। इससे न
सिर्फ पढ़ाई का समय काटा जाता है, बल्कि शिक्षकों पर मानसिक बोझ भी बढ़ता
है।
आगे के लिए क्या सबक?
यह मामला प्रशासन के लिए चेतावनी की तरह है कि
ड्यूटी बांटते समय अधिकारियों को कर्मचारियों की स्वास्थ्य स्थिति और पारिवारिक
हालात भी समझने चाहिए। अगर किसी को वाकई दिक्कत हो रही है, तो विकल्प
तलाशना ही सिस्टम की जिम्मेदारी है।
Comments (0)
No comments yet. Be the first to comment!