ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) का ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर (जीटीसी) अपने अंतिम निर्माण चरण में है। अधिकारियों के अनुसार, इस साल के अंत तक एयरपोर्ट पर वाणिज्यिक उड़ानें शुरू होने से पहले जीटीसी पूरी तरह तैयार हो जाएगा। यह केंद्र यात्रियों को सुविधाजनक और सुगम कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बनाया जा रहा है।
जीटीसी का महत्व और डिजाइन
जीटीसी को 20 एकड़ क्षेत्र में टर्मिनल 1 और 2 के बीच विकसित किया जा रहा है। इसे एक मल्टीमॉडल हब के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो यात्रियों को विभिन्न परिवहन साधनों से जोड़ने का काम करेगा। इसकी योजना ज्यूरिख एयरपोर्ट के मॉडल से प्रेरित है। पहले चरण में यह लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों के लिए सुविधाएं प्रदान करेगा।
पहले चरण में जीटीसी में यात्रियों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी:
• 1,200 से अधिक कार पार्किंग स्पॉट
• कैब और टैक्सी वे
• इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग पॉइंट
• एयरपोर्ट-ब्रांडेड ईवी कैब, ऐप-आधारित टैक्सी सेवाएं और कार रेंटल
• डीटीसी, यूपीएसआरटीसी, यूटीसी और हरियाणा रोडवेज़ की बसें
निजी शटल और पर्यटक सेवाएं
इसके अलावा, जीटीसी में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) का ईंधन स्टेशन, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) का सीएनजी और पीएनजी स्टेशन, और स्टेटिक कंपनी का ईवी चार्जिंग नेटवर्क मौजूद होगा।
भविष्य में जीटीसी को हाई-स्पीड रेल, रैपिड रेल, मेट्रो, बस, पॉड टैक्सी और लाइट रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। पूरी तरह कार्यशील होने पर इसमें:
• 4,500 कारें
• 3,500 दोपहिया वाहन
• 40 से अधिक बसें खड़ी हो सकेंगी।
इसके ऊपरी हिस्सों में व्यवसायिक केंद्र, रेस्टोरेंट और यात्री लाउंज भी होंगे।
टर्मिनल और रनवे की स्थिति
एयरपोर्ट का मुख्य टर्मिनल भवन लगभग पूरा हो चुका है और 30 अक्टूबर तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महीने साइट का निरीक्षण कर सकते हैं। एयरपोर्ट के पहले चरण में:
• 3,900 मीटर लंबा रनवे
• मॉडर्न एटीसी टॉवर
• सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ की व्यवस्था भी पूरी हो चुकी है।
संचालन और क्षमता
डीजीसीए का सर्वे पूरा हो चुका है और एयरपोर्ट को जल्द ही संचालन लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। पहले चरण में एयरपोर्ट हर साल 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा। भविष्य में दूसरे टर्मिनल और रनवे जुड़ने के बाद यह क्षमता बढ़कर 7 करोड़ यात्रियों तक हो जाएगी, जिससे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा विमानन केंद्र बन जाएगा।
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