नोएडा में एक बार फिर किसानों का गुस्सा भड़क उठा है। बुधवार को भारतीय किसान मंच के नेतृत्व में 81 गांवों के किसानों ने नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया। उनकी प्रमुख मांगें हैं — आबादी की जमीन का निस्तारण, अधिग्रहीत जमीन का बढ़ा हुआ मुआवजा, प्रभावित परिवारों को रोजगार और पुनर्वास का अधिकार। सुबह से जुटने लगी किसानों की भीड़ बुधवार सुबह सेक्टर-5 स्थित हरौला बारातघर में किसानों की भारी भीड़ जमा होनी शुरू हो गई थी। दोपहर तक महिलाओं सहित सैकड़ों किसान नारेबाजी करते हुए नोएडा प्राधिकरण कार्यालय की ओर बढ़े। आंदोलनकारियों ने जब कार्यालय में प्रवेश की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई, जिससे माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया। किसानों का आरोप किसानों का कहना है कि वे कई सालों से अपनी समस्याओं को लेकर प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। भारतीय किसान मंच के अध्यक्ष सुधीर चौहान ने कहा, “हमने कई बार अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी बात रखी, लेकिन हर बार आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। अब किसान आर-पार के मूड में हैं।” उन्होंने कहा कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक धरना अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। किसानों की चार प्रमुख मांगें इस आंदोलन के केंद्र में किसानों की चार मुख्य मांगें हैं— 1. आबादी की जमीन का जल्द निस्तारण किया जाए।2. अधिग्रहित जमीन का मुआवजा 64% बढ़ाया जाए।3. प्रभावित परिवारों को स्थायी रोजगार दिया जाए।4. 10% और 5% आवासीय प्लॉट का आवंटन किया जाए। किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के बाद भी उन्हें सही मुआवजा या पुनर्वास नहीं मिला है। कई परिवार अब भी बेरोजगारी और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा, ट्रैफिक डायवर्जन लागू धरने की सूचना मिलते ही प्रशासन ने नोएडा प्राधिकरण कार्यालय और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कई मार्गों पर डायवर्जन लागू कर दिया है ताकि यातायात सुचारू बना रहे। पुलिस अधिकारियों ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है, जबकि किसान नेताओं का कहना है कि उनका आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक रहेगा। किसानों का ऐलान: अब पीछे नहीं हटेंगे किसान नेताओं ने कहा कि वे इस बार अपनी मांगों को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे। सुधीर चौहान ने कहा— “हम तब तक प्राधिकरण दफ्तर के बाहर डटे रहेंगे, जब तक जमीन, मुआवजा और रोजगार से जुड़े हमारे मुद्दे हल नहीं हो जाते।” धरना स्थल पर किसानों ने बैनर, पोस्टर और झंडे लगा रखे हैं। माहौल जोशीला है, और हर कोई एक ही आवाज में कह रहा है — “हमारा हक हमें दो!” बहरहाल, नोएडा में किसानों का यह आंदोलन एक बार फिर भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के पुराने विवादों को उजागर कर रहा है। प्रशासन और प्राधिकरण के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है कि वे कैसे किसानों की नाराजगी को शांत करें और उनकी जायज मांगों का समाधान निकालें। Comments (0) Post Comment
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