ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली में हाल ही में हुए कार धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं। इसी माहौल के बीच नोएडा एसटीएफ ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा स्थित पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी से सुमित कुमार नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया, जो खुद को RAW का वरिष्ठ अधिकारी बताकर लोगों को धोखा दे रहा था। जांच के दौरान उसके लैपटॉप में दिल्ली ब्लास्ट से संबंधित वीडियो मिले, जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया और सुरक्षा एजेंसियों ने विस्तृत जांच शुरू कर दी।
पैरामाउंट गोल्फ फॉरेस्ट सोसाइटी से नंगे पैर गिरफ्तार
एसटीएफ की टीम को मंगलवार रात यह सूचना मिली थी कि ग्रेटर नोएडा में रहने वाला एक युवक अपने आपको कभी मेजर अमित कुमार और कभी RAW का बड़ा अधिकारी बताकर लोगों को प्रभावित कर रहा है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए टीम तुरंत सोसाइटी पहुंची और छापेमारी की। जब एसटीएफ अधिकारी फ्लैट के बाहर पहुंचे, तो दरवाजा वहां काम करने वाली एक महिला ने खोला।
इसी दौरान सुमित कुमार वहां आ गया और उसने अपना नाम बताया। उसके पर्स की तलाशी लेने पर 'कैबिनेट सेक्रेटरिएट, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया' का एक पहचान पत्र मिला, जिस पर उसकी रैंक जॉइंट सेक्रेटरी और पदनाम डायरेक्टर (ऑपरेशन) लिखा था। कार्ड पर RAW की सर्विस का भी उल्लेख था। बाद में RAW अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनके विभाग में इस नाम का कोई भी अधिकारी काम नहीं करता, जिससे यह साफ हो गया कि पूरा आईडी कार्ड फर्जी था।
RAW अधिकारी बनकर अलग-अलग सोसाइटी में रहता था
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी पिछले कई महीनों से एनसीआर की अलग-अलग सोसाइटी में नाम बदलकर रह रहा था। उसके पास से दस से अधिक रेंट एग्रीमेंट मिले। उसने हर सोसाइटी में अलग पहचान और अलग पद बताकर फ्लैट किराए पर लिया था। ग्रेटर नोएडा में वह लगभग एक वर्ष से रह रहा था।
एसटीएफ की तलाशी में फर्जी पहचान पत्र, फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन लेटर, कई बैंक चेक बुक, पैन कार्ड, आधार कार्ड, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा कई फर्जी कंपनी दस्तावेज भी मिले। उसके पास से तीन लैपटॉप और दो टैबलेट भी बरामद किए गए।
दिल्ली ब्लास्ट का वीडियो मिलने से बढ़ा शक
सबसे बड़ी चिंता तब बढ़ी जब उसके लैपटॉप में दिल्ली ब्लास्ट से संबंधित वीडियो मिले। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इन वीडियो का स्रोत क्या है, लेकिन इस बात ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। जांच इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि क्या सुमित कुमार का किसी संदिग्ध व्यक्ति या संगठन से कोई संबंध है, या वह केवल फर्जी पहचान बनाकर लोगों को प्रभावित करने के लिए ऐसे वीडियो अपने पास रखता था। फिलहाल, एजेंसियां वीडियो की सत्यता, स्रोत और उपयोग की जांच कर रही हैं।
फ्लैट मालकिन को बताया था “मेजर अमित कुमार”
फ्लैट की मालकिन मंजू गुप्ता से पूछताछ में पता चला कि आरोपी ने उन्हें अपना नाम मेजर अमित कुमार बताया था और दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के नाम का एक वेरिफिकेशन लेटर दिया था। वह लेटर भी पूरी तरह फर्जी पाया गया। इससे साफ हुआ कि आरोपी संगठित तरीके से फर्जी पहचान बनाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहा था।
जांच जारी, ब्लास्ट से लिंक की पुष्टि नहीं
एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उसके सभी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। हालांकि अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि उसका दिल्ली ब्लास्ट से कोई सीधा संबंध है, लेकिन उसके पास से मिले वीडियो और फर्जी दस्तावेजों ने जांच को और गहरा कर दिया है। वर्तमान में एसटीएफ, पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर मामले की जांच कर रही हैं, ताकि यह पता चल सके कि सुमित कुमार केवल एक ठग है या फिर किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा।
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