एशिया कप से पहले गरमाया भारत-पाक विवाद, BCCI ने गिनाए न खेलने के 4 बड़े नुकसान

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबला सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जज़्बात और रोमांच का संगम होता है। हर बार जब दोनों टीमें मैदान पर उतरती हैं, तो करोड़ों दर्शकों की निगाहें टीवी स्क्रीन पर टिकी होती हैं। एशिया कप 2025 को लेकर भी यही उत्साह देखने को मिल रहा है। खबर है कि इस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच तीन मुकाबले हो सकते हैं। हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि क्या भारत के लिए पाकिस्तान से खेलना मजबूरी है या रणनीतिक फैसला? दरससल बीसीसीआई ने हाल ही में साफ किया है कि पाकिस्तान से खेलने की स्थिति में भारत को चार बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

 पहला नुकसान: वित्तीय नुकसान

 भारत-पाकिस्तान मुकाबले दुनिया के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मैच होते हैं। चाहे वह टीवी प्रसारण अधिकार हो या विज्ञापन, हर जगह इन मैचों से भारी राजस्व आता है। अगर भारत पाकिस्तान से खेलने से इंकार करता है, तो स्पॉन्सरशिप और ब्रॉडकास्टिंग कंपनियों को बड़ा झटका लगेगा। इसका सीधा असर बीसीसीआई की कमाई पर भी पड़ेगा।

 दूसरा नुकसान: आईसीसी और एसीसी नियमों का उल्लंघन

 बीसीसीआई आईसीसी और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का सदस्य है। टूर्नामेंट में खेलने से इंकार करना नियमों के खिलाफ हो सकता है। यदि भारत पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलता, तो उस पर प्रतिबंध या जुर्माने जैसी कार्रवाई हो सकती है। इससे केवल भारत की साख पर असर पड़ेगा बल्कि भविष्य के टूर्नामेंटों में भी भागीदारी मुश्किल हो सकती है।

 तीसरा नुकसान: अंक तालिका और टूर्नामेंट पर असर

 अगर भारत पाकिस्तान से मैच खेलने से मना करता है, तो उसे अंक तालिका में सीधे नुकसान उठाना पड़ेगा। यह नुकसान नॉकआउट स्टेज तक पहुंचने में रुकावट बन सकता है। टूर्नामेंट के नियमों के तहत बिना खेले अंक गंवाना टीम इंडिया के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

 चौथा नुकसान: फैंस और ब्रॉडकास्टिंग का दबाव

 भारत-पाकिस्तान मुकाबले क्रिकेट फैंस के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होते। करोड़ों दर्शक इस मैच का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अगर यह मुकाबला नहीं होता, तो फैंस की नाराजगी जाहिर तौर पर सामने आएगी। साथ ही ब्रॉडकास्टिंग कंपनियों को भी भारी घाटा उठाना पड़ेगा। बीसीसीआई मानता है कि इससे क्रिकेट की लोकप्रियता और दर्शकों का उत्साह दोनों प्रभावित होंगे।

 बायकॉट की मांग क्यों?

 दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं। सीमा पार से जारी आतंकवाद और आतंकी हमलों ने दोनों देशों के बीच केवल राजनीतिक संबंधों को प्रभावित किया है बल्कि खेल के मैदान पर भी इसका असर पड़ा है। हाल ही में, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से आए आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की धर्म पूछकर हत्या किए जाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस घटना के बाद एक बार फिर यह मांग तेज़ हो गई कि भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना बंद कर देना चाहिएचाहे वह द्विपक्षीय सीरीज हो या फिर एशिया कप और वर्ल्ड कप जैसे मल्टीनेशनल टूर्नामेंट।

 अब इस बीच, 9 सितंबर से एशिया कप 2025 का आयोजन यूएई में होना है। भारतीय टीम की घोषणा हो चुकी है और इस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच कम से कम दो मुकाबले तय हैंएक ग्रुप स्टेज में और दूसरा सुपर-4 में। यदि दोनों टीमें फाइनल तक पहुंचती हैं, तो तीसरा मुकाबला भी देखने को मिल सकता है। यही वजह है कि इस बार एशिया कप का रोमांच कई गुना बढ़ गया है।

 लेकिन पहलागाम की घटना के बाद जनभावना भी बेहद आक्रोशित है। कुछ आम नागरिकों और कई राजनीतिक दलों का मानना है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है, ऐसे में खेल के मंच पर उसके साथ सहयोग करना गलत संदेश देगा। उनका कहना है कि क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल में पाकिस्तान से खेलना उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैधता प्रदान करता है, जिसे रोकने की जरूरत है।

 हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का रुख इससे अलग दिखाई देता है। बीसीसीआई नहीं चाहता कि भारत एशिया कप में पाकिस्तान का बायकॉट करे।

 बहरहाल, भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट खेलना सिर्फ मजबूरी नहीं बल्कि कई मायनों में रणनीति भी है। बीसीसीआई के मुताबिक, पाकिस्तान से खेलने पर वित्तीय, तकनीकी और क्रिकेटिंग स्तर पर कई तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। हालांकि, राजनीतिक परिस्थितियां और सुरक्षा चिंताएं हमेशा इस बहस को नया मोड़ देती रही हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान के तीन मुकाबले किस तरह क्रिकेट इतिहास में अपनी छाप छोड़ते हैं।

 

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