ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
मेरठ से बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने संसद में ऐसा बयान दिया जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। शून्यकाल के दौरान उन्होंने मस्जिदों और मदरसों में CCTV कैमरे लगाने की मांग की। उनका कहना था कि ये सार्वजनिक जगहें हैं जहां रोज सैकड़ों लोग आते जाते हैं। सुरक्षा के लिए कैमरे हर जगह जरूरी हैं।
सांसद ने
क्यों उठाई ये मांग
अरुण
गोविल ने तर्क दिया कि मंदिरों, चर्चों, गुरुद्वारों, स्कूलों,
अस्पतालों और बाजारों में तो CCTV लगे हैं। ये
अपराध रोकते हैं और पारदर्शिता लाते हैं। मस्जिद और मदरसे क्यों अलग। उन्होंने
सऊदी अरब का उदाहरण दिया जहां मक्का-मदीना में कैमरे लगे हैं सुरक्षा के लिए।
केंद्र सरकार से अपील की कि समान नीति बने। सभी धार्मिक स्थलों पर एक जैसे नियम
लागू हों। गोविल ने साफ कहा कि उनका इरादा किसी धर्म का विरोध नहीं, सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा।
बयान आते
ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। समर्थक कहते हैं ये सही कदम है। अपराध के आंकड़े
बताते हैं कि CCTV से
30-40 प्रतिशत घटनाएं रुक जाती हैं। लेकिन विरोधी इसे
धार्मिक हस्तक्षेप बता रहे। गोविल अडिग हैं। मेरठ जैसे शहरों में सुरक्षा चिंताएं
बढ़ी हैं। अगर लागू हुआ तो अभिभावकों को पता चलेगा बच्चे मदरसे में क्या कर रहे।
देशभर
में सुरक्षा का सवाल
भारत में
सार्वजनिक जगहों पर CCTV बढ़ रहे हैं। दिल्ली मेट्रो, रेलवे स्टेशन सबमें
हैं। लेकिन धार्मिक स्थलों पर बहस पुरानी है। गोविल की मांग से नई चर्चा छिड़ी।
सरकार क्या जवाब देगी। विपक्ष ने आपत्ति जताई लेकिन आंकड़े गोविल के पक्ष में।
मेरठ में स्थानीय लोग मिले जुले रिएक्शन दे रहे। सुरक्षा पहले या गोपनीयता। ये बहस
लंबी चलेगी। सांसद ने साबित किया कि संसद में जनता के मुद्दे उठाने का साहस चाहिए।
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