ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली की सड़कों पर रफ्तार
का कहर एक बार फिर देखने को मिला, जब एक तेज रफ्तार BMW
कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस हादसे में
मोटरसाइकिल चला रहे वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई,
जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना सिर्फ
एक सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि इसके बाद जो सवाल
उठे हैं, वे दिल को झकझोर देने वाले हैं। मृतक के परिवार
ने आरोप लगाया है कि अगर समय पर सही इलाज मिलता तो शायद नवजोत सिंह आज जिंदा होते।
रविवार को वित्त मंत्रालय
में उप सचिव के पद पर तैनात नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल पर बंगला साहिब
गुरुद्वारे से घर लौट रहे थे। जब वे दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर
थे, तभी पीछे से आ रही एक BMW X5 कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण
थी कि मोटरसाइकिल डिवाइडर से जा टकराई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार एक महिला चला रही थी और उसके साथ उसका पति भी था।
इस घटना का सबसे दर्दनाक
पहलू हादसे के बाद का घटनाक्रम है। मृतक नवजोत सिंह के बेटे नव नूर सिंह ने आरोप लगाया
है कि एक्सीडेंट की जगह (धौला कुआं) से एम्स और सफदरजंग जैसे बड़े सुपर स्पेशियलिटी
अस्पताल कुछ ही मिनटों की दूरी पर थे, लेकिन
आरोपी दंपति उनके माता-पिता को लगभग 22 किलोमीटर
दूर जीटीबी नगर के एक छोटे से अस्पताल 'न्यूलाइफ
हॉस्पिटल' ले गए। बेटे का कहना है, "अगर उन्हें पास के किसी अच्छे अस्पताल में ले जाया गया
होता, तो मेरे पिता की जान बच सकती थी।"
परिवार का शक तब और गहरा
गया जब उन्हें पता चला कि जिस अस्पताल में उनके माता-पिता को ले जाया गया, वह कथित तौर पर कार चला रही महिला के परिवार से जुड़ा
हुआ है। बेटे ने यह भी आरोप लगाया कि BMW चलाने
वाली महिला और उसके पति को मामूली चोटें आने के बावजूद उसी अस्पताल में भर्ती कर लिया
गया, जबकि उनकी मां गंभीर हालत में लॉबी में पड़ी रहीं।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले
में एफआईआर दर्ज कर ली है और दुर्घटनाग्रस्त BMW कार और मोटरसाइकिल दोनों को जब्त कर लिया है। क्राइम टीम और फॉरेंसिक साइंस
लेबोरेटरी (FSL) की टीमें भी मौके पर जांच
कर रही हैं। पुलिस के अनुसार, आरोपी दंपति भी घायल हैं
और अस्पताल में भर्ती हैं, इसलिए उनके बयान अभी दर्ज
नहीं किए गए हैं। यह हादसा एक परिवार के लिए कभी न भरने वाला जख्म छोड़ गया है और साथ
ही कई गंभीर सवाल भी खड़े कर गया है, जिनके
जवाब मिलना अभी बाकी है।
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