ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
पिछले
कुछ दिनों से दिल्ली में हुए ब्लास्ट को लेकर जांच और धरपकड़ जारी है। इसी दौरान मंगलवार
को राजधानी में एक और बड़ी चिंता खड़ी हो गई। दिल्ली के दो CRPF स्कूलों और तीन बड़े
कोर्ट—पटियाला हाउस, साकेत कोर्ट और द्वारका कोर्ट—को बम से उड़ाने की धमकी मिली। इस
धमकी के बाद दिल्ली पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और पूरे शहर में अलर्ट जारी कर दिया।
सूत्रों
के मुताबिक, धमकी भरा ईमेल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नाम से आया था। ईमेल मिलते
ही पुलिस ने बम स्क्वॉड और डॉग स्क्वॉड की मदद से सभी स्थानों पर चेकिंग शुरू कर दी।
राहत की बात यह है कि अब तक जांच में किसी तरह का बम या संदिग्ध सामान नहीं मिला है,
लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।
ईडी
की छापेमारी
10
नवंबर को लाल किले के पास हुए बड़े धमाके में 15 लोग मारे गए थे। इस हमले ने पूरे देश
को हिला दिया था। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), दिल्ली पुलिस और अब प्रवर्तन
निदेशालय (ED) भी लगातार सक्रिय है।
मंगलवार
सुबह 5:15 बजे से ईडी ने फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय के न्यासियों और प्रबंधकों
के परिसरों पर बड़े पैमाने पर छापे मारे। कुल मिलाकर दिल्ली-NCR के करीब 25 जगहों पर
तलाशी ली गई। छापेमारी के दौरान एजेंसी ने विश्वविद्यालय के ट्रस्ट, कार्यालयों और
इससे जुड़ी संस्थाओं के वित्तीय लेन-देन की जांच की।
दिल्ली
के ओखला इलाके में भी एक कार्यालय पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की मौजूदगी में रेड की
गई। जांच एजेंसियों को शक है कि विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कुछ लोग इस हमले की साजिश
में किसी न किसी रूप में शामिल हो सकते हैं।
वित्तीय
गड़बड़ियों पर ईडी की नजर
ईडी
का कहना है कि यह कदम वित्तीय अनियमितताओं, फर्जी कंपनियों के इस्तेमाल और धन शोधन
(मनी लॉन्ड्रिंग) की जांच का हिस्सा है। एजेंसी को अब तक कम से कम नौ फर्जी कंपनियों
का पता चला है, जो एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं। शुरुआती जांच में कई ऐसे संकेत मिले
हैं जो इन कंपनियों को संदिग्ध गतिविधियों से जोड़ते हैं।
इन
कंपनियों के जरिए धन को इधर-उधर करने, फंड्स को छिपाने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों
को अंजाम देने की संभावना जताई जा रही है।
NIA
की जांच और आतंकी मॉड्यूल का खुलासा
NIA
ने इस मामले में दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया है। दोनों को कथित तौर पर ‘आत्मघाती
हमलावर’ डॉ. उमर नबी का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। जांच एजेंसियों का मानना है
कि कश्मीर से जुड़े कुछ चिकित्सकों और नेटवर्क के लोग भी इस साजिश में शामिल हो सकते
हैं। NIA और दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर ईडी ने अब आर्थिक पहलुओं
की जांच शुरू की है, ताकि पूरे नेटवर्क की परतें खोली जा सकें।
दिल्ली
में धमकी भरे ईमेल और लाल किला ब्लास्ट मामले में लगातार चल रही छापेमारी से साफ है
कि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी खतरे को हल्के में लेने के मूड में नहीं हैं। भले ही
धमकी में कुछ ठोस न मिला हो, लेकिन शहर को सुरक्षित रखना सरकार और पुलिस की पहली प्राथमिकता
है। दूसरी ओर, लाल किला विस्फोट मामले की जांच भी तेजी से आगे बढ़ रही है और आने वाले
दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं।
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