ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजधानी के सरकारी स्कूलों में फर्नीचर की कमी को दूर करने के लिए तिहाड़ सेंट्रल जेल फैक्टरी से 10,000 डुअल डेस्क खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकृति मिली।
कैदियों के पुनर्वास को बढ़ावा देने वाला कदम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस फैसले का उद्देश्य न केवल स्कूलों की जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि कैदियों को उत्पादक गतिविधियों से जोड़ना भी है। यह निर्णय केंद्र सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा तीसरी राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में दिए गए निर्देशों के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि जेलों में कैदियों को कौशल आधारित कामों से जोड़ा जाए, ताकि उनकी वापसी समाज में सम्मानजनक तरीके से हो सके।
8.95 करोड़ रुपये में होंगे 10,000 डुअल डेस्क
सरकार के अनुसार 10,000 डुअल डेस्क की कुल अनुमानित लागत 8 करोड़ 95 लाख 40 हजार रुपये होगी। यह राशि जीएसटी, ढुलाई और अन्य खर्च शामिल करके तय की गई है।
स्कूलों में बढ़ती डेस्क की जरूरत—सर्वे में सामने आए आंकड़े
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली में कुल 1086 सरकारी स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में छात्र संख्या बढ़ी है और साथ ही नई कक्षाओं का भी निर्माण हुआ है। इसके कारण कई स्कूलों में डुअल डेस्क की कमी महसूस की जा रही थी।
पहले चरण में 10,000 डेस्क, आगे भी जारी रहेगी खरीद प्रक्रिया
सरकार ने आवश्यकता को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से योजना लागू करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 10,000 डुअल डेस्क खरीदे जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि डेस्क खरीदने की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी, ताकि सभी स्कूलों में छात्रों के लिए पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर उपलब्ध हो सके।
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