दिल्ली अस्पताल निर्माण घोटाला: ED की छापेमारी, AAP नेता सौरभ भारद्वाज पर आरोप

दिल्ली की राजनीति एक बार फिर बड़े घोटाले के आरोपों से हिल गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज के 12 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापे 5,590 करोड़ रुपये के अस्पताल निर्माण प्रोजेक्ट में कथित अनियमितताओं के आरोपों को लेकर मारे गए हैं। इस मामले की जांच पहले से ही एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) कर रही है।

 24 अस्पताल प्रोजेक्ट पर सवाल

 आपको बता दें, साल 2018–19 में दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए 24 अस्पताल प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी। इसमें 11 नए अस्पताल बनाने और 13 पुराने अस्पतालों का विस्तार करने की योजना थी। इस पर करीब 5,590 करोड़ रुपये खर्च होने थे। लेकिन आरोप है कि तो ये प्रोजेक्ट समय पर पूरे हुए और ही तय बजट में बने। उल्टा लागत कई गुना बढ़ गई और बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका सामने आई।

 वही, 22 अगस्त 2024 को तत्कालीन नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने ACB को शिकायत दी थी। इसमें कहा गया कि निर्माण की लागत को कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया और नियमों को नजरअंदाज कर सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ। इस शिकायत में सीधे तौर पर सौरभ भारद्वाज और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम लिया गया।

 ICU अस्पताल प्रोजेक्ट बना सबसे बड़ा सवाल

 सबसे बड़ा विवाद ICU अस्पताल प्रोजेक्ट को लेकर है। योजना थी कि 6 महीने में 7 ICU अस्पताल बनाए जाएंगे, जिनमें कुल 6,800 बेड होंगे। इसके लिए 1,125 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था। लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी केवल 50% काम ही पूरा हुआ, जबकि 800 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं।यह प्रोजेक्ट SAM India Buildwell Pvt Ltd को दिया गया था और अब इसकी लागत 100% से ज्यादा बढ़ गई है।

 इसी तरह LNJP अस्पताल का नया ब्लॉक 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये का हो गया, लेकिन काम अभी भी अधूरा है। वहीं ज्वालापुरी और मादीपुर अस्पतालों में बिना मंजूरी के अवैध निर्माण हुआ। इन प्रोजेक्ट्स में Parnika Commercial और Ramacivil India जैसी कंपनियों की भूमिका रही।

 अन्य प्रोजेक्ट्स में भी गड़बड़ी

 दिल्ली सरकार ने 94 पॉलीक्लिनिक बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक सिर्फ 52 ही बने हैं। लागत भी 168 करोड़ से बढ़कर 220 करोड़ हो गई। इसके अलावा अस्पतालों में पारदर्शिता लाने के लिए HIMS सिस्टम लागू होना था। लेकिन आरोप है कि NIC का मुफ्त सॉल्यूशन जानबूझकर खारिज कर दिया गया ताकि प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा सके।

 ACB और ED की सख्त जांच

 दिल्ली सरकार की अनुमति मिलने के बाद ACB ने FIR दर्ज की है। IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 120-B (साजिश) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1) के तहत केस दर्ज हुआ है। अब ACB और ED मिलकर नेताओं, अफसरों और ठेकेदारों की भूमिका की गहराई से जांच करेंगे।

 AAP ने कहा- यह राजनीति से प्रेरित केस

 दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह केस पूरी तरह झूठा है और भाजपा सरकार सिर्फ विपक्षी नेताओं को फंसाने का काम कर रही है। सिसोदिया ने कहा, “जिस समय का यह मामला बताया जा रहा है, उस वक्त सौरभ भारद्वाज मंत्री तक नहीं थे। यह सिर्फ मोदी जी की डिग्री से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश है। सतेंद्र जैन के केस की तरह ही यह भी फर्जी केस है।

 बहरहाल, अस्पताल निर्माण घोटाले का मामला अब दिल्ली की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन चुका है। एक तरफ ED और ACB की टीमें जांच में जुटी हैं, वहीं AAP इसे विपक्ष की साजिश बता रही है। आने वाले दिनों में यह केस कितना गहराता है और किस दिशा में जाता है, यह दिल्ली की राजनीति पर सीधा असर डालेगा।

 

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