ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली की राजनीति एक बार फिर बड़े घोटाले के आरोपों से हिल गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज के 12 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापे 5,590 करोड़ रुपये के अस्पताल निर्माण प्रोजेक्ट में कथित अनियमितताओं के आरोपों को लेकर मारे गए हैं। इस मामले की जांच पहले से ही एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) कर रही है।
24 अस्पताल प्रोजेक्ट पर सवाल
आपको बता दें, साल 2018–19 में दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए 24 अस्पताल प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी। इसमें 11 नए अस्पताल बनाने और 13 पुराने अस्पतालों का विस्तार करने की योजना थी। इस पर करीब 5,590 करोड़ रुपये खर्च होने थे। लेकिन आरोप है कि न तो ये प्रोजेक्ट समय पर पूरे हुए और न ही तय बजट में बने। उल्टा लागत कई गुना बढ़ गई और बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका सामने आई।
ICU अस्पताल प्रोजेक्ट बना सबसे बड़ा सवाल
अन्य प्रोजेक्ट्स में भी गड़बड़ी
दिल्ली सरकार ने 94 पॉलीक्लिनिक बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक सिर्फ 52 ही बने हैं। लागत भी 168 करोड़ से बढ़कर 220 करोड़ हो गई। इसके अलावा अस्पतालों में पारदर्शिता लाने के लिए HIMS सिस्टम लागू होना था। लेकिन आरोप है कि NIC का मुफ्त सॉल्यूशन जानबूझकर खारिज कर दिया गया ताकि प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा सके।
ACB और ED की सख्त जांच
दिल्ली सरकार की अनुमति मिलने के बाद ACB ने FIR दर्ज की है। IPC की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी), 120-B (साजिश) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1) के तहत केस दर्ज हुआ है। अब ACB और ED मिलकर नेताओं, अफसरों और ठेकेदारों की भूमिका की गहराई से जांच करेंगे।
AAP ने कहा- यह राजनीति से प्रेरित केस
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह केस पूरी तरह झूठा है और भाजपा सरकार सिर्फ विपक्षी नेताओं को फंसाने का काम कर रही है। सिसोदिया ने कहा, “जिस समय का यह मामला बताया जा रहा है, उस वक्त सौरभ भारद्वाज मंत्री तक नहीं थे। यह सिर्फ मोदी जी की डिग्री से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश है। सतेंद्र जैन के केस की तरह ही यह भी फर्जी केस है।”
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