ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
दिल्ली नगर निगम (MCD) की 12 खाली सीटों पर राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को उपचुनाव कराने की घोषणा कर दी है। आयोग ने आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि इन सीटों पर मतदान 30 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी।
नामांकन प्रक्रिया
और आरक्षण
व्यवस्था
आयोग के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 10 नवंबर तय की गई है। इसके बाद 12 नवंबर को नामांकन की जांच होगी और 15 नवंबर तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे। दिल्ली MCD की इन 12 सीटों में से 5 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रखी गई हैं। इसे महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
क्यों कहा
जा रहा
है “मिनी
MCD इलेक्शन”
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ये उपचुनाव दिल्ली की तीनों प्रमुख पार्टियों — आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस — के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन 12 सीटों के परिणाम नगर निगम के सत्ता संतुलन पर सीधा असर डाल सकते हैं। यही कारण है कि इन उपचुनावों को “मिनी MCD इलेक्शन” कहा जा रहा है।
उपचुनाव कराने
के कारण
इन उपचुनावों की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कई सीटें पार्षदों के विधायक बनने या अन्य कारणों से खाली हो गई थीं।
• द्वारका-बी
सीट बीजेपी पार्षद कमलजीत सेहरावत के लोकसभा सांसद बनने के बाद रिक्त हुई।
• वहीं बाकी वार्ड खाली हुए क्योंकि वहां के पार्षद, जो बीजेपी और आप से थे,
फरवरी में
हुए विधानसभा
चुनाव में
जीतकर विधायक
बन
गए।
चुनाव आयोग
की तैयारी
राज्य चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुरक्षा, EVM की जांच, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आयोग ने कहा कि सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मतदान शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराया जाए।
Comments (0)
No comments yet. Be the first to comment!