दिल्ली पुलिस ने एक बड़े आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है। पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क द्वारा संचालित इस पैन-इंडिया टेरर मॉड्यूल का मास्टरमाइंड झारखंड के बोकारो का रहने वाला अशहर दानिश है। पुलिस के मुताबिक, दानिश तेजी से मॉड्यूल का विस्तार करना चाहता था और इसके लिए वह खुद बम और अवैध हथियार बनाना सीख रहा था। उसने इसके लिए रसायन और सल्फर जैसी सामग्री खरीद भी ली थी। कट्टरपंथ की राह पर कैसे बढ़ा दानिश दरअसल, जनवरी 2024 में अशहर दानिश रांची के न्यू तबारक लाज में रहने आया। वहीं उसने इसरार अहमद जैसे कट्टरपंथी प्रचारकों के व्याख्यान सुनने शुरू किए और धीरे-धीरे उनकी विचारधारा से प्रभावित होता चला गया। सोशल मीडिया उसका मुख्य हथियार बना। इंस्टाग्राम पर उसकी मुलाकात आफताब कुरैशी और इजहर-उल-हक जैसे युवाओं से हुई, जिनकी सोच भी कट्टरपंथी थी। इसके बाद दानिश ने इंस्टाग्राम पर एक ग्रुप बनाया जिसमें 40 लोग जुड़े। इस ग्रुप में "खिलाफत की स्थापना" जैसी बातें होती थीं। संदेह से बचने के लिए दानिश ने खुद को इंटरनेट पर एनजीओ संचालक, कंपनी का सीईओ और प्रोफेसर बताना शुरू कर दिया। यह उसकी साजिशों को छिपाने का तरीका था। बम और हथियार बनाने की तैयारी पुलिस जांच में सामने आया कि दानिश ने हाल ही में बम बनाने के लिए केमिकल और सल्फर खरीदा था। अगस्त में उसने कारतूस बनाने के लिए तांबे की प्लेटें खरीदीं। इतना ही नहीं, हथियारों की जानकारी के लिए उसने बोकारो से एक गोली और कट्टा भी खरीदा। उसका मकसद दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में दहशत फैलाना था, लेकिन योजना सफल होती उससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। मॉड्यूल के अन्य सदस्य इस मॉड्यूल में दानिश के साथ चार और लोग शामिल थे। आफताब नासिर कुरैशी – मुंबई के कल्याण का रहने वाला आफताब मीट व्यापारी का बेटा है और दसवीं पास है। वह सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी वीडियो देखता था और दानिश से वहीं जुड़ा। उसने कई युवाओं को चरमपंथी ग्रुप्स से जोड़ा। मोहम्मद हुजैफ यमन – बी. फार्मेसी का छात्र यमन चार साल पहले ओमेगल प्लेटफॉर्म के जरिए दानिश के संपर्क में आया। दानिश ने उसे हथियार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। सूफियान अबुबकर खान – महाराष्ट्र के कल्याण का रहने वाला सूफियान वेल्डर था। आफताब का दोस्त होने के चलते वह भी इस मॉड्यूल में शामिल हो गया। उसे मेवात के एक तस्कर से हथियार लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। कामरान कुरैशी उर्फ समर खान – मध्य प्रदेश के राजगढ़ का रहने वाला कामरान 12वीं पास है। वह वकीलों के लिए टाइपिस्ट और लैब असिस्टेंट का काम करता था। एक कट्टरपंथी वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए वह दानिश तक पहुंचा और फंडिंग भी मुहैया कराई। वह खिलाफत के नाम पर जमीन खरीदकर ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना बना रहा था। पुलिस की कार्रवाई दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर इस पूरे मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पांचों आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई न होती तो यह मॉड्यूल दिल्ली और अन्य राज्यों में बड़े धमाकों की साजिश को अंजाम दे सकता था। इस पूरी कार्रवाई से साफ है कि सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ कैसे युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। दिल्ली पुलिस की सतर्कता ने देश को एक बड़ी आतंकी वारदात से बचा लिया है। Comments (0) Post Comment
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