ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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दिल्ली के लाल किले के पास हुए आत्मघाती हमले के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉ. मुजम्मिल, डॉ. आदिल और मौलवी इरफान से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसियों की कड़ी पूछताछ के बाद तीनों ने माना कि वे लंबे समय से एक संगठित आतंकी प्लान पर काम कर रहे थे। इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है ट्रेंड फिदायीन हमलावर डॉ. उमर, जिसने अपने साथियों को धीरे-धीरे इस रास्ते पर खींच लिया।
2023 से शुरू हुई थी खतरनाक तैयारी
जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में डॉ. मुजम्मिल ने बताया कि 2023 से ही वह, डॉ. उमर और डॉ. आदिल लाल रंग की इको स्पोर्ट्स कार में घूमकर मुंह और मेवात इलाके से बड़ी मात्रा में फर्टिलाइजर खरीद रहे थे। इन फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल बाद में विस्फोटक तैयार करने में होना था। तीनों अल फलाह क्षेत्र में रहते थे। डॉक्टर होने के कारण उनकी गाड़ियों की जांच नहीं होती थी, जिससे वे आसानी से सामग्री अंदर ले जाते और अपने-अपने कमरों और दूसरी सुरक्षित जगहों पर स्टोर करते रहते। इस वजह से किसी को उन पर ज़रा भी शक नहीं हुआ।
कमरे में होती थी विस्फोटकों की टेस्टिंग
पूछताछ में यह भी सामने आया कि डॉ. उमर अपने कमरे में टाइम-बॉम्ब जैसे खतरनाक केमिकल TATP तैयार करता था। उसके पास एसीटोन जैसे अन्य जरूरी रसायन भी मौजूद थे। जांच अधिकारियों का कहना है कि यह अत्यंत संवेदनशील और खतरनाक विस्फोटक है, जिसे तैयार करते वक्त जरा-सी लापरवाही भी बड़ा धमाका करा सकती थी। इसके बावजूद उमर बेखौफ होकर टेस्टिंग करता था।
डॉ.
मुजम्मिल
और
आदिल
के
मुताबिक,
पुलिस
ने
फरीदाबाद
से
जो
विस्फोटक
बरामद
किए
थे,
उनमें
से
कुछ
सामग्री
को
आत्मघाती
हमलावर
उमर
जम्मू-कश्मीर ले जाना चाहता था। उसकी योजना वहां भी किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की थी।
उमर और आदिल पहले से थे जुड़े
डॉ.
मुजम्मिल
ने
बताया
कि
डॉ.
उमर
और
डॉ.
आदिल
पहले
से
ही
एक-दूसरे को जानते थे। आदिल, उमर का जूनियर रह चुका था और उसी दौरान दोनों में करीबी बढ़ी। बाद में मुजम्मिल भी इन दोनों के संपर्क में आया और धीरे-धीरे पूरी साजिश का हिस्सा बन गया।
मौलवी इरफान से मुलाकात और आतंक की राह
पूछताछ में मुजम्मिल ने बताया कि उसकी मुलाकात मौलवी इरफान से जम्मू-कश्मीर में हुई थी, जब वह एक बुजुर्ग महिला के इलाज के लिए गया था। यहीं से दोनों में बातचीत शुरू हुई। जांच एजेंसी को पता चला है कि इरफान पहले से ही अंसार गजवत उल हिंद के आतंकी हाफिज से जुड़ा हुआ था। हाफिज 2021 में एक एनकाउंटर में मारा गया था। उसके बाद, उसी वर्ष डॉ. मुजम्मिल ने भी इस आतंकी संगठन की सदस्यता ले ली।
इरफान के जरिए मुजम्मिल धीरे-धीरे आतंकियों के नेटवर्क में शामिल हो गया और फिर उमर और आदिल के साथ मिलकर दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में बड़े हमलों की तैयारी शुरू कर दी।
जांच एजेंसियों को मिले कई अहम इनपुट
तीनों आरोपियों के बयानों के बाद जांच एजेंसियां अब इस पूरे मॉड्यूल की जड़ तक पहुंचने में जुट गई हैं। कौन-कौन इस साजिश में शामिल था, फंडिंग कहां से आ रही थी, और क्या अन्य लोग भी इसमें जुड़े थे—इन सभी पहलुओं पर जांच तेज कर दी गई है।
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इसमें शामिल लोग डॉक्टर थे, जिन पर समाज भरोसा करता है। लेकिन इसी पहचान का इस्तेमाल कर उन्होंने बड़ा आतंकी हमला करने की योजना बना ली थी। तीनों की स्वीकारोक्ति ने इस खतरनाक नेटवर्क का बड़ा हिस्सा उजागर कर दिया है।
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