ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से जूझ रही है। लगातार हो रही भारी बारिश और हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी ने हालात को और गंभीर बना दिया है। शहर के कई निचले इलाके पानी में डूब चुके हैं और हजारों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा है।
राहत शिविर भी डूबे पानी में
बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने यमुना नदी के किनारे निचले इलाकों में रह रहे लोगों को राहत शिविरों में भेजा था। लेकिन हालात इतने बिगड़े कि मयूर विहार-फेज 1 के पास बने राहत शिविरों में भी पानी घुस गया। वहीं, सिविल लाइंस के बेला रोड पर यमुना का पानी इतना बढ़ा कि गाड़ियां डूब गईं और कई इमारतें जलमग्न हो गईं।
शरणार्थियों की बढ़ी मुश्किलें
दिल्ली के वजीराबाद क्षेत्र में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए स्थिति और भी विकट हो गई है। यमुना का बढ़ता जलस्तर उनके घरों तक पहुंच गया, जिससे उन्हें सिग्नेचर ब्रिज के पास शरण लेनी पड़ी। शरणार्थियों का कहना है कि शासन-प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली। न उन्हें टेंट दिए गए और न ही भोजन-पानी की उचित व्यवस्था की गई।
प्रशासन की चुनौती
बाढ़ नियंत्रण विभाग और एमसीडी की टीमें मौके पर मौजूद हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि, पानी का बढ़ता दबाव और लगातार बारिश उनके प्रयासों को कमजोर कर रही है। शहर की सबसे बड़ी चिंता यह है कि यदि यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंचता है तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
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