स्वामी चैतन्यानंद गिरफ्तारी: शारदा इंस्टिट्यूट में यौन उत्पीड़न और 40 करोड़ का घपला

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दिल्ली के श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SRISIIM) में कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को यूपी के आगरा से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने यूपी, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और वेस्ट बंगाल में कई टीमों से लगातार छापेमारी कराई। डीसीपी अमित गोयल के अनुसार, आरोपी अपनी लोकेशन बार-बार बदलकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था।

होटल में दबिश और गिरफ्तारी

पुलिस को रविवार तड़के तकनीकी मदद से जानकारी मिली कि आरोपी ताजगंज स्थित होटल फर्स्टमें ठहरा हुआ है। पुलिस ने लगभग 3.30 बजे होटल में छापा मारा और कमरे नंबर 101 में सोते हुए आरोपी को पकड़ लिया। उसे दिल्ली ले जाकर पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया और पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने होटल का कमरा अपने असली नाम की बजाय "स्वामी पार्थ सारथी" नाम से बुक कराया था। होटल रजिस्टर में भी यही नाम दर्ज था। वह शनिवार शाम चार बजे होटल पहुंचा और कमरे से बाहर नहीं निकला। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और होटल कर्मचारियों से पूछताछ के जरिए पूरे घटनाक्रम का पता लगाया।

फरारी और छिपने की रणनीति

चार अगस्त को केस दर्ज होने के समय आरोपी विदेश में था। भारत लौटते ही वह मथुरा पहुंचा और लगभग दो महीने तक मथुरा और वृंदावन के अलग-अलग होटलों में छिपा रहा। इस दौरान उसने तीन अलग-अलग मोबाइल फोन इस्तेमाल किए और ज्यादातर समय कमरे में ही बंद रहा। उसने लगभग 13-15 होटल बदले। पुलिस का कहना है कि वह लगातार मीडिया और खबरों के माध्यम से घटनाक्रम पर नजर रख रहा था।

फर्जी पहचान और आईडी कार्ड

गिरफ्तारी के समय आरोपी से दो फर्जी आईडी कार्ड, तीन मोबाइल फोन और एक आईपैड बरामद हुआ। इनमें एक आईफोन भी था। जांच में पाया गया कि उसने खुद को यूनाइटेड नेशंस का परमानेंट एंबेसडर और BRICS देशों का इंडिया का स्पेशल एनवॉय बताने वाले फर्जी कार्ड रखे थे।

40 करोड़ रुपये का घपला

साल 1995-96 में वसंत कुंज स्थित शारदा पीठ को एक प्लॉट आवंटित किया गया था। आरोपी को मठ का अटॉर्नी बनाकर कुछ जिम्मेदारी दी गई थी। आरोप है कि 2008 में उसने फर्जी दस्तावेजों से इंस्टिट्यूट का नाम बदलकर श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट कर दिया और मठ की प्रॉपर्टी को बिना अनुमति किराए पर दे दिया। इसके जरिए लगभग 40 करोड़ रुपये का घपला किया गया।

अन्य गंभीर मामले और गवाहों को धमकाना

एसटीएफ ने बताया कि आरोपी जय प्रकाश उर्फ लोली के रूप में भी वांछित था। वह ओखला इंडस्ट्रियल एरिया थाने में दर्ज हत्या के मामलों में गवाहों को धमकाने का आरोपी है। इससे यह साफ है कि आरोपी कई गंभीर मामलों में शामिल रहा है और वह अपनी पहचान छिपाकर लगातार अपराध करता रहा।

स्वामी चैतन्यानंद की गिरफ्तारी से यह मामला एक नई दिशा में पहुंचा है। पुलिस की सक्रियता और तकनीकी मदद से आरोपी को पकड़ा गया और जांच तेज हो गई है। अब आरोपी के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज और अन्य अपराधों की विस्तृत जांच की जा रही है। यह घटना संस्थानों में प्रशासनिक निगरानी और सुरक्षा की अहमियत को भी उजागर करती है।

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