बिहार चुनाव 2025: NDA में सीट शेयरिंग पेच, चिराग पासवान ने भाजपा को दी चुनौती

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बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब चरम पर है। पटना से लेकर दिल्ली तक टिकट और सीट शेयरिंग को लेकर नेताओं की बैठकें जारी हैं। महागठबंधन और NDA दोनों खेमों में सीटों के बंटवारे का मसला पेचीदा बना हुआ है। अब तक दोनों पक्षों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन प्रशांत किशोर की जन सुराज ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है।

 चिराग पासवान ने भाजपा को किया चुनौती

 NDA में सीट शेयरिंग का सबसे बड़ा पेच चिराग पासवान और उनकी पार्टी एलजेपी-रामविलास के साथ फंसा हुआ है। भाजपा की तरफ से 22 सीटों का ऑफर रखा गया, लेकिन चिराग पासवान को यह मंजूर नहीं है। उन्होंने 30 से 35 सीटों की मांग रखी है। सूत्रों के अनुसार, 26 सीटों पर बात बन सकती है, लेकिन चार विशेष सीटों पर अभी भी असहमति है।

 चार विवादित सीटें हैं:

 गोविंदगंज विधानसभाबीजेपी की सिटिंग सीट।

सिकंदरा विधानसभाहम की सिटिंग सीट।

चकाई विधानसभासुमित सिंह निर्दलीय।

ब्रह्मपुर विधानसभाबक्सर जिले में आती है।

 चिराग पासवान इन चार सीटों परक्वालिटी सीटकी मांग कर रहे हैं, जो अभी तक भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है।

 बैठकों का दौर लगातार जारी

 बीते 36 घंटे में चिराग पासवान और भाजपा के बीच कई दौर की बैठकें हुई हैं। गुरुवार को तीसरे दौर की बैठक हुई जिसमें भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और नित्यानंद राय मौजूद रहे। इससे पहले नित्यानंद राय दो बार चिराग पासवान के घर जा चुके थे और सभी विकास कार्यों और सीट शेयरिंग फॉर्मूले की जानकारी साझा की।

 दिल्ली में मंगलवार को विनोद तावड़े और धर्मेंद्र प्रधान ने चिराग पासवान से मुलाकात की। इसके बाद चिराग पासवान अपने पिता राम विलास पासवान की पुण्यतिथि के अवसर पर पटना आए। बुधवार को दिल्ली लौटने से पहले उनसे मंगल पांडेय की भी मुलाकात हुई।

 एनडीए की मुश्किलें बढ़ीं

 चिराग पासवान के नाराज़ होने की वजह से एनडीए में सीट शेयरिंग पर चर्चा लंबी खिंच रही है। भाजपा की ओर से लगातार मनाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन अभी तक कोई फाइनल फॉर्मूला नहीं बन पाया है। सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी संसदीय बोर्ड की प्रस्तावित बैठक भी अब आज नहीं होगी। सीटों पर सहमति बनने के बाद ही मीटिंग रखी जा सकती है।

 महागठबंधन में स्थिति

 महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग पर पैचिदगियां हैं। मुकेश सहनी की सीट को लेकर अभी तक फॉर्मूला नहीं तय हो पाया है। हालांकि, एनडीए की तुलना में महागठबंधन में झगड़े अपेक्षाकृत कम नजर रहे हैं।

 बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का मसला अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। चिराग पासवान की नाराजगी और उनकी उच्च मांगों के कारण एनडीए में कड़ी बैठकें और मंथन जारी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सीटों का फॉर्मूला आखिरकार कैसे तय होता है और चिराग पासवान की नाराज़गी के बावजूद भाजपा और एलजेपी-रामविलास के बीच समझौता बन पाता है या नहीं। जनता के लिए यह राजनीतिक पहेली चुनाव से पहले ही बहुत चर्चा में है।

 

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