ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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लद्दाख में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, लद्दाख के शिक्षाविद और समाजसेवी सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। अब उनके समर्थन में उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो सामने आई हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की और कहा कि लद्दाख पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है।
गीतांजलि ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि क्या भारत वास्तव में आजाद है। उन्होंने ब्रिटिश भारत के अत्याचारों और आज की परिस्थितियों की तुलना की। उनका कहना है कि जैसे 1857 में अंग्रेजों ने भारतीय सिपाहियों का इस्तेमाल करके लाखों लोगों पर अत्याचार किया था, उसी तरह आज गृह मंत्रालय के आदेश पर लद्दाखी पुलिस का दुरुपयोग करके लद्दाख के लोगों को दबाया जा रहा है।
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी का कारण लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के लिए किए गए विरोध प्रदर्शन थे। इन प्रदर्शनों में कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत उन पर आरोप लगाए गए और उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। 24 सितंबर को हुए इन प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत हुई थी।
तीन प्रमुख रिएक्शन
28 सितंबर: गीतांजलि ने पति पर पाकिस्तान से जुड़े होने के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक हमेशा गांधीवादी और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करते हैं। उनके अनुसार 24 सितंबर की हिंसा के लिए CRPF जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सोनम की पाकिस्तान की यात्राएं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संबंधित थीं।
1 अक्टूबर: गीतांजलि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने अपील की कि एक आदिवासी होने के नाते राष्ट्रपति लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र भेजा।
2 अक्टूबर: गीतांजलि ने केंद्र सरकार पर पुलिस के जरिए उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके पति एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे थे।
गीतांजलि का संदेश और अपील
गीतांजलि ने अपने पत्र और सोशल मीडिया पोस्ट में बार-बार यह जोर दिया कि सोनम वांगचुक गांधीवादी मूल्यों के अनुसार काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल लद्दाख के विकास, जलवायु परिवर्तन और पिछड़े आदिवासी क्षेत्र की भलाई है। उनका मानना है कि उनके पति की गतिविधियों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।
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