ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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बिहार जीत के बाद दिल्ली में जश्न और मंथन
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद
दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक खास डिनर बैठक रखी गई। इस
मीटिंग में उन नेताओं को बुलाया गया जिन्होंने बिहार चुनाव में बतौर प्रवासी नेता
जाकर प्रचार और मैनेजमेंट संभाला था।
अमित शाह का बड़ा संदेश: जीत किसी एक की नहीं
सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने मीटिंग में साफ
कहा कि बिहार की जीत केवल एक राज्य की जीत नहीं, बल्कि पूरे भारत
के संकल्प की जीत है। उन्होंने घुसपैठियों के खिलाफ चल रहे नैरेटिव को जोड़ते हुए
इसे देश की सुरक्षा और सामाजिक संरचना बचाने की जीत बताया।
‘जहां कम वहां हम’: कार्यकर्ता मोड ऑन
अमित शाह ने नेताओं से कहा कि चुनाव में हर
किसी का योगदान मायने रखता है, चाहे वह 1 प्रतिशत ही
क्यों न हो। लेकिन जिम्मेदारी सिर्फ खुद को क्रेडिट देने की नहीं, बल्कि
“जहां कम वहां हम” के फॉर्मूले के साथ कमजोर इलाकों में जाकर काम करने की है।
अब फोकस बंगाल पर क्यों?
बैठक में अगला बड़ा टारगेट साफ तौर पर पश्चिम
बंगाल चुनाव को बताया गया। अमित शाह ने कहा कि अब सभी को बंगाल की लड़ाई के लिए
तैयार रहना है, यानी बिहार जीत के जोश को सीधे बंगाल के अभियान
में कन्वर्ट किया जाएगा।
मिथिला मखाना से मधुबनी शॉल तक – प्रतीकात्मक
राजनीति
डिनर कार्यक्रम में नेताओं को मिथिला का
प्रसिद्ध मखाना, गया का तिलकुट और मधुबनी पेंटिंग वाली शॉलें
भेंट की गईं। ये सिर्फ गिफ्ट नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान से
जुड़े प्रतीक भी हैं, जिनके जरिए पार्टी ने “बिहार की मिट्टी” का
सम्मान दिखाया।
राजनीतिक संदेश: जीत के बाद अनुशासन
कुल मिलाकर, इस डिनर मीटिंग
का मकसद साफ दिखा – जीत के बाद जश्न के साथ-साथ अनुशासन का डोज देना। अमित शाह ने
नेताओं को यह याद दिलाया कि चुनावी सफलता के बाद अगर अहंकार हावी हो जाए, तो
संगठन कमजोर पड़ने लगता है।
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