ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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कर्नाटक
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी खींचतान बढ़ती ही जा रही है। सीएम सिद्धारमैया
और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार दोनों के गुट आमने-सामने हैं। पार्टी हाईकमान अब इस मामले
में हस्तक्षेप करने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, हाईकमान शनिवार
देर शाम या रविवार सुबह दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाकर स्थिति का समाधान निकालने की
कोशिश करेगा।
राहुल
गांधी ने की पहल
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पिछले तीन-चार दिनों में कर्नाटक के कुछ वरिष्ठ नेताओं से अलग-अलग संपर्क कर रहे हैं। उनका उद्देश्य यह देखना है कि किसी एक नेता के पक्ष में निर्णय लेने से पार्टी और सरकार पर किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है। राहुल गांधी इस सिलसिले में दोनों नेताओं से बातचीत से पहले एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
CM
सिद्धारमैया की मंत्रियों के साथ बैठक
सिद्धारमैया ने गुरुवार को दलित, पिछड़े और मुस्लिम समुदायों से जुड़े मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में मंत्रियों ने CM को सलाह दी कि वे किसी भी तरह के दबाव में आकर कुर्सी न छोड़ें। CM की टीम इस बैठक के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसमें पार्टी आलाकमान को यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि अगर सिद्धारमैया को हटाया जाता है तो अहिंदा समुदाय के वोटों पर कितना असर पड़ेगा और इससे पार्टी को कितनी सीटों का नुकसान हो सकता है।
दोनों
पक्षों ने दी चेतावनी
वहीं, वोक्कालिगा और कुरुबा समुदायों के मठाध्यक्षों ने अपने-अपने नेताओं के समर्थन में बयान जारी किए हैं। कर्नाटक वोक्कालिगरा संघ के अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर डीके शिवकुमार को CM नहीं बनाया गया, तो राज्यभर में समाज के लोग प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।
इसी के काउंटर में कर्नाटक दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग संगठन ने चेतावनी दी कि अगर CM पद से सिद्धारमैया को हटाया गया, तो उनके समर्थक भी प्रदर्शन करेंगे। दोनों पक्षों के बीच यह टकराव राजनीतिक संकट को और बढ़ा रहा है।
राजनीतिक
दबाव और भविष्य
कर्नाटक में यह विवाद न केवल मुख्यमंत्री पद को लेकर है, बल्कि विभिन्न समुदायों के वोट बैंक को लेकर भी संवेदनशील है। पार्टी हाईकमान को अब दोनों गुटों और उनके समर्थकों के बीच संतुलन बनाने का काम करना है। चुनाव के दृष्टिकोण से यह फैसला पार्टी की सीटों और आगामी चुनाव रणनीति पर बड़ा असर डाल सकता है।
कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी यह खींचतान पार्टी की एकजुटता और चुनावी रणनीति के लिए चुनौती पेश कर रही है। राहुल गांधी और हाईकमान की मध्यस्थता इस विवाद का समाधान निकालने की कोशिश है। वहीं, समुदायों और गुटों के दबाव से साफ है कि फैसला पार्टी के लिए आसान नहीं होगा। राज्य की राजनीति में इस विवाद की हलचल आगे भी बनी रहने की संभावना है।
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