ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन और मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें पिछले कुछ दिनों से तेज हो गई हैं, लेकिन इन सबके बीच राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कांग्रेस पार्टी में किसी तरह का संकट नहीं है और सरकार पूरी तरह स्थिर है। उन्होंने बताया कि पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है और यह सब केवल मीडिया में फैल रही खबरों के कारण हो रहा है।
मीडिया में चर्चा, पार्टी के भीतर नहीं: परमेश्वर
हाल ही में यह बात तेजी से फैल रही है कि कर्नाटक में नवंबर में सरकार के ढाई साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री बदल सकते हैं। कई राजनीतिक टिप्पणीकार इसे “नवंबर क्रांति” तक कह रहे हैं। लेकिन गृह मंत्री परमेश्वर ने इन चर्चाओं को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि पार्टी के अंदर ऐसा कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की किसी भी बैठक में नेतृत्व परिवर्तन या मंत्री मंडल विस्तार के बारे में चर्चा नहीं की गई है। उनके अनुसार यह सारी बातें केवल मीडिया में उठ रही हैं और नेता तब प्रतिक्रिया देते हैं जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा जाता है। उनकी राय में, पार्टी के भीतर इस दिशा में कोई हलचल नहीं है और यह सारी अटकलें अनावश्यक रूप से माहौल गरम करने का काम कर रही हैं।
ढाई साल पूरा होने पर अटकलें हुईं तेज
कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार नवंबर में अपने ढाई साल पूरे करने जा रही है। इसी के साथ यह चर्चा फिर से तेज हो गई कि शायद मुख्यमंत्री पद में बदलाव हो सकता है। राजनीतिक हलकों में यह भी माना जाता है कि सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच एक अनौपचारिक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों नेता बारी-बारी से ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि इस समझौते की कभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, फिर भी यह अटकलों को बढ़ावा देता रहा है।
मंत्रिमंडल फेरबदल पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं
कांग्रेस के अंदर यह भी कहा जा रहा है कि अगर पार्टी हाईकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल की मंजूरी देता है, तो इससे यह संकेत जाएगा कि सिद्धरमैया फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे और नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाएं कम हो जाएंगी। इससे उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदों में भी कमी आएगी।
गृह मंत्री परमेश्वर ने इस विषय पर भी साफ कहा कि पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने दोहराया कि न तो नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा हुई है और न ही मंत्री मंडल विस्तार पर, इसलिए जो भी खबरें बाहर चल रही हैं वे केवल अनुमान हैं।
सिद्धरमैया बोले—आलाकमान का हर फैसला स्वीकार होगा
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी सोमवार को मीडिया से बात करते समय कहा कि वह मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर कांग्रेस हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने याद दिलाया कि चार-पांच महीने पहले ही आलाकमान ने उनसे मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इच्छा जताई थी कि यह प्रक्रिया सरकार के ढाई साल पूरे होने पर शुरू की जाए। अब जब 20 नवंबर को ढाई साल पूरा होने वाला है, तो वह हाईकमान के द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का पालन करेंगे।
सरकार स्थिर, अटकलें बेबुनियाद
इन सभी राजनीतिक चर्चाओं के बावजूद यह स्पष्ट होता है कि कर्नाटक सरकार स्थिर है और कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर काम कर रही है। पार्टी के नेताओं ने लगातार यह कहा है कि न तो नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा चल रही है और न ही सरकार को किसी तरह का खतरा है।
वर्तमान परिस्थितियों में नेतृत्व परिवर्तन की सारी बातें केवल अटकलें लगती हैं, जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं दिखाई देता। फिलहाल राज्य की राजनीति में सबकी निगाहें केवल इस बात पर टिकी हुई हैं कि कांग्रेस हाईकमान आने वाले दिनों में क्या निर्णय लेता है।
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