पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार सैन्य प्रतिशोध पर विचार कर रही थी, लेकिन अमेरिका और अन्य देशों के दबाव और कूटनीतिक सलाह के चलते ऐसा नहीं किया गया। इस खुलासे के बाद भाजपा नेताओं और मंत्रियों ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। BJP नेताओं की प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री किरन रिजीजू ने कहा कि भारत ने कांग्रेस द्वारा की गई "गलतियों और पापों" की भारी कीमत चुकाई है। उन्होंने कहा कि अब समय बदल गया है और भारत किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 26/11 के समय अमेरिका और अन्य विदेशी शक्तियों के दबाव में सैन्य प्रतिशोध नहीं लिया गया। उन्होंने चिदंबरम का साक्षात्कार क्लिप साझा करते हुए लिखा, “17 साल बाद अब चिदंबरम स्वीकार करते हैं कि उस समय स्थिति को गलत तरीके से संभाला गया।” वरिष्ठ BJP नेताओं का हमला वरिष्ठ भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। उनका कहना था कि कांग्रेस लंबे समय से इसी कमजोरी के लिए जानी जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर चिदंबरम को इतनी देर बाद यह सब याद क्यों आया। भाजपा सांसद अरुण साओ ने कांग्रेस की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि अगर देश पर आतंकी हमला होता है तो सरकार को किसी बाहरी दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सैन्य जवाबदेही की सराहना की और कहा कि अब भारत सीमा पार आतंकवाद को करारा जवाब दे रहा है। कांग्रेस पर आरोप भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान के साथ खड़ी नजर आती थी और अक्सर सेना पर सवाल उठाती थी। उनका कहना था कि संविधान की अनदेखी करना और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीर न होना कांग्रेस की नीतियों की विशेषता थी।केंद्रीय मंत्री रिजीजू और जोशी ने जोर देकर कहा कि अब भारत किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। बहरहाल, 26/11 मुंबई हमलों के बाद चिदंबरम के बयान ने राजनीतिक बहस को फिर से गर्म कर दिया है। BJP नेताओं ने इसे कांग्रेस की सुरक्षा नीतियों में कमजोरी के रूप में पेश किया, जबकि उन्होंने वर्तमान सरकार की सख्त और निर्णायक रणनीति की सराहना की। इस खुलासे ने यह साफ कर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से निपटना अब भारत की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है और किसी भी तरह के दबाव के आगे झुकना नहीं है। Comments (0) Post Comment
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