ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति में पाकिस्तान को उपाध्यक्ष बनाया गया है, जो एक गंभीर विडंबना है क्योंकि पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षण देने वाला देश माना जाता है।
इस समिति की अध्यक्षता अल्जीरिया के पास है, जबकि उपाध्यक्ष के पदों पर फ्रांस, पाकिस्तान और रूस हैं।
भारत और उसके रणनीतिक साझेदारों का मुकाबला जरूरी
भारत फिलहाल UNSC का सदस्य नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा का मुकाबला करने के लिए भारत को अपने रणनीतिक साझेदारों, खासकर P5 देशों और डेनमार्क जैसे गैर-स्थायी सदस्यों के साथ मिलकर काम करना होगा।
यह चुनौती भारत के लिए खास तौर पर अहम हो गई है क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी समिति में एक प्रभावशाली भूमिका निभाएगा।
पाकिस्तान का UNSC में बढ़ता प्रभाव
पाकिस्तान 2025-26 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है।
वह दो अनौपचारिक कार्य समूहों का सह-अध्यक्ष भी होगा, जिनमें दस्तावेजीकरण, प्रक्रियात्मक मामलों और सामान्य प्रतिबंधों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। यह स्थिति पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेषाधिकार देती है।
भारत का आतंकवाद निरोधक संघर्ष जारी
भारत ने 2022 में आतंकवाद निरोधक समिति की अध्यक्षता की थी और 2021-22 में इस समिति का अस्थायी सदस्य भी था।
पाकिस्तान के इस कदम के बाद भारत के लिए यह और भी जरूरी हो गया है कि वह अपनी कूटनीतिक और रणनीतिक पहल को तेज करे ताकि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक गठबंधन मजबूत हो।
संयुक्त राष्ट्र में नए अस्थायी सदस्य
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में मंगलवार को पांच नए गैर-स्थायी सदस्यों को चुना गया है। ये सदस्य 1 जनवरी 2026 से दो साल के लिए कार्य करेंगे।
इनमें बहरीन, कांगो, लाइबेरिया, लातविया और कोलंबिया शामिल हैं, जो सुरक्षा परिषद के कामकाज में अपना योगदान देंगे।
आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।
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