रायबरेली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे के दौरान उनके काफ़िले को विरोध का सामना करना पड़ा। बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे दिल्ली से रवाना होकर राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे। लखनऊ एयरपोर्ट से सड़क मार्ग अपनाकर हरचंदपुर के लिए निकले। रास्ते में योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और उनके समर्थकों ने राहुल गांधी के मार्ग में धरना देकर विरोध किया। उन्होंने "राहुल वापस जाओ" के नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन के चलते राहुल का काफिला करीब 1 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्कामुक्की धरने के दौरान पुलिस मंत्री दिनेश सिंह काफिला निकालने के लिए पहुंची, लेकिन भाजपा समर्थकों के साथ धक्कामुक्की हो गई। हालांकि, बाद में पुलिस ने कैबिनेट मंत्री दिनेश प्रताप को समझाकर हाईवे से हटाया। इसके बाद राहुल गांधी का काफिला बटोही रिसॉर्ट तक पहुंचा। विरोध के कारण उनका काफिला लगभग पांच मिनट तक रुका। जिसके बाद हरचंदपुर में राहुल गांधी ने अपनी गाड़ी रोककर कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी के दौरे का मकसद दरअसल राहुल गांधी रायबरेली में 10 और 11 सितंबर तक रहेंगे। इस दौरान वे बूथ स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे, प्रशासन की दिशा-निर्देश बैठक में भाग लेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। आपको बता दें, लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह उनका छठा रायबरेली दौरा है। इससे पहले वे 29 और 30 अप्रैल को भी रायबरेली आए थे। विवादित पोस्टर और भाजपा का बयान राहुल गांधी के दौरे से पहले प्रदेश सचिव लोहिया वाहिनी द्वारा एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में दिखाया गया था। राहुल निर्मल बागी ने कहा कि यह पोस्टर उनकी नेतृत्व क्षमता और पिछड़े वर्ग, दलित और अल्पसंख्यकों के लिए उनके संघर्ष को दर्शाता है। भाजपा प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव “राजनीति के इच्छाधारी हिंदू हैं, जो चुनाव के समय अपना रूप और रंग बदल लेते हैं।” वहीं, मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री की मां को गाली दिलवा रहे हैं और कम से कम उन्हें माफी मांगनी चाहिए थी। स्वागत और जनता की प्रतिक्रिया राहुल गांधी का काफिला हरचंदपुर पहुंचते ही कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। बछरावां में उनका स्वागत बैंड-बाजों और जिंदाबाद के नारों के साथ हुआ। पांच मिनट का रुकाव के बाद काफिला सीधे हरचंदपुर के लिए रवाना हुआ। हरचंदपुर के सपा ब्लॉक अध्यक्ष ने भी कार्यकर्ताओं के साथ राहुल गांधी से मुलाकात कराई। राहुल गांधी ने कहा कि विरोध के बावजूद चुनाव आयोग तानाशाही कर रहा है, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विपरीत परिस्थितियों में भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा, जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं। बहरहाल, राहुल गांधी का रायबरेली दौरा न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच जारी राजनीतिक संघर्ष को भी उजागर करता है। सड़क मार्ग पर विरोध और पोस्टर विवाद ने चुनावी माहौल को और गरम कर दिया है। राहुल गांधी ने अपने दौरे के दौरान जनसमूह और कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद कर कांग्रेस के एजेंडे को मजबूती देने की कोशिश की है। यह दौरा उनके राजनीतिक अभियान और लोकसभा जीत के बाद ग्रामीण इलाकों में पार्टी के संपर्क को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। Comments (0) Post Comment
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